बड़ी खबर: पीएम केयर्स फंड की तरफ से भेजे गए वेंटीलेटर्स पर उठे सवाल, फरीदकोट में 81 में से 71 हुए खराब
फरीदकोट के गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पीएम केयर्स फंड की तरफ से 81 वेंटीलेटर्स को भेजा गया था। जिसमें से अब 71 खराब हो चुके हैं।;
कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच लगातार देश में ऑक्सीजन, दवाओं और अन्य चीजों की असुविधा हो रही है। इसी बीच पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार से वेंटिलेटर की मांग की थी। लेकिन अब पीएम केयर्स फंड की तरफ से भेजे गए वेंटीलेटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई वेंटिलेटर कुछ देर चलने के बाद बंद हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक, पंजाब के फरीदकोट के गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पीएम केयर्स फंड की तरफ से 81 वेंटीलेटर्स को भेजा गया था। जिसमें से अब 71 खराब हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है की इन वेंटीलेटर की गुणवत्ता बिल्कुल खराब है। ये इस्तेमाल करने के 2 से 3 घंटे बाद बंद हो गए।
वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर्स की टीम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए। इन वेंटीलेटर की गुणवत्ता पर हम भरोसा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि अचानक बंद हो गए हैं। एक डॉक्टर ने कहा कि वेंटिलेटर की गुणवत्ता काफी खराब है। यह मशीन बंद हो रही है। इसलिए हम इन वेंटीलेटर पर मरीजों को नहीं रख सकते हैं, क्योंकि यह बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है।
इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में 39 वेंटीलेटर थे, जिसमें से 32 काम कर रहे थे। लगातार वेंटिलेटर की कमी के चलते कई तरह की दिक्कतों का सामना किया जा रहा था। इसके लिए केंद्र सरकार से वेंटिलेटर की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि वेंटीलेटर्स की कमी ने अधिकारियों को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि अस्पताल में 300 से अधिक कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि वेंटिलेटर खराब गुणवत्ता को लेकर पंजाब के मुख्य सचिव ने कहा कि हम खराब वेंटिलेटर की मरम्मत के लिए इंजीनियर और टेक्नीशियन को काम करने की मंजूरी देते हैं। राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज अधिकारियों को आश्वासन दिया है कि 10 नए वेंटिलेटर को जल्द ही अस्पताल में भेजा जाएगा। भारत सरकार ने पिछले साल 250 वेंटिलेटर भेजे थे, जिनकी कीमत 25 करोड़ रुपये से अधिक थी।