PM मोदी को 8 विपक्षी दलों ने लिखी चिट्ठी, लगाए गंभीर आरोप, कांग्रेस ने बनाई दूरी
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से सियासत चरम पर है। इसी के मद्देनजर आज आठ विपक्षी दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाया है। चिट्ठी लिखने वालों में ममता बनर्जी, फारुख अब्दुल्ला, केसीआर, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अखिलेश यादव समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।;
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सियासत चरम पर है। बीजेपी जहां आप पर निशाना साध रही है, वहीं आप का समर्थन करने वाली पार्टियों पर भी प्रहार कर रही है। इसी कड़ी में विपक्षी दल भी पलटवार करने में पीछे नहीं है। इसी कड़ी में आठ विपक्षी दलों के नौ वरिष्ठ नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। खास बात है कि कांग्रेस ने इससे दूरी बना रखी है।
इन नेताओं ने लिखा पत्र
केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरूपयोग पर जिन विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है, उनमें बीआरएस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, उद्धव ठाकरे शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉफ्रेंस शामिल है। के चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, फारुख अब्दुल्ला और भगवंत मान की ओर से लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। नीचे पढ़िये पत्र में क्या लिखा गया है।
जानिये पत्र में क्या लिखा गया
प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि आप इस बात से सहमत होंगे कि भारत अभी भी एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों के खुलेआम दुरुपयोग से लगता है कि हम एक लोकतंत्र से एक तानाशाही में बदलते जा रहे हैं।
विपक्ष के नेताओं पर अधिक हुई कार्रवाई
2014 के बाद से केंद्रीय जांच एजेंसियों ने सबसे ज्यादा छापे मारे, केस दर्ज किए या गिरफ्तार किए गए या पूछताछ की गई उनमें से सबसे ज्यादा संख्या विपक्षी नेताओं की है। साथ ही, कहा कि जांच एजेंसियां भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी राजनेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से कार्रवाई कर रही है।
हिमंत बिस्वा सरमा का उदाहरण
इस पत्र में विपक्षी नेताओं ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का उदाहरण दिया, जो 2014 और 2015 में शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में थे, जब उस समय वे कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे, लेकिन उनके बिस्वा सरमा के भाजपा में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा।
पत्र में आगे लिखा गया कि तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे, लेकिन पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया, जिसके बाद इन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई। इसके साथ ही कहा गया कि गिरफ्तारियां चुनावों के साथ हुई हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि वे राजनीति से प्रेरित थे।
बता दें कि इस पत्र में किसी भी कांग्रेस के नेता का नाम शामिल नहीं है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अपनी रणनीति तय कर रही है।