Aarey Protest : आरे में पेड़ों की कटाई से भाजपा-शिवसेना में मतभेद, पढ़ें 5 बड़ी बातें

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 2702 पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद शुक्रवार रात आठ बजे पेड़ों के काटने का कार्य शुरू किया गया। मिली जनकारी के मुताबिक पर्यावरण प्रेमियों के का कहना है कि बृहन्मुबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने पेड़ों को काटने के लिए मिली इजाजत को को अपने वेबसाइट पर नहीं डाला है।;

Update: 2019-10-05 05:13 GMT

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश के बाद आरे कॉलोनी (Aarey Colony) में मेट्रो कारशेड (Metro Carshed) बनाने के लिए पेड़ों (Trees Cut) का कटान शुरू हो गया। लेकिन इसके खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने आरे कॉलोनी पहुंचकर विरोध करना शुरू कर दिया है। बॉलीवुड भी पेड़ काटे जाने के खिलाफ है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2702 पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद शुक्रवार रात आठ बजे पेड़ों के काटने का कार्य शुरू किया गया।

मिली जनकारी के मुताबिक पर्यावरण प्रेमियों के का कहना है कि बृहन्मुबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने पेड़ों को काटने के लिए मिली इजाजत को को अपने वेबसाइट पर नहीं डाला है। साथ ही यह भी कहा कि कानून के अनुसार वेबसाइट पर इजाजत की कॉपी को डालने के 15 दिनों के बाद पेड़ काटे जा सकते हैं। बता दें कि मुंबई के आरे कॉलोनी में धारा 144 लगा दी है। वहीं पुलिस ने विरोध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। चलिए जानते हैं मामले से जुड़ी 5 बड़ी बातें..

पांच बड़ी बातें..

* आम जनता के साथ बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा और नेता जिग्नेश मेवानी ने सोशल मीडिया पर पेड़ों के काटे जाने को लेकर आवाज उठाई है।

* बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे कॉलोनी को बचाने के लिए दायर चारों याचिकाओं को खारिज कर दिया जिसके बाद अब याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी आरे कॉलोनी पहुंचकर पेड़ों को बचाने की बात कही थी।

* आरे कॉलोनी में पेड़ों के कटान को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना का रुख अलग-अलग है। भाजपा का पक्ष विकास है तो शिव सेना का पक्ष पर्यावरण है।

* ट्री कमेटी की तरफ से पेड़ों को काटने की इजाजत दी गई थी इसके बाद कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। लोगों का आरोप है कि उनकी यह योजना जमीन को हड़पने की है। क्योंकि कॉलोनी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर (Zoo) बनाए जाने के लिए बीएमसी, वन विभाग और राज्य सरकार के बीच करार हुआ था।

* बीएमसी, वन विभाग और राज्य सरकार के बीच हुए करार के मुताबिक 120 एकड़ जमीन पर 500 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर बनाया जाएगा।

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