अब्दुल्ला आजम भाजपा की लहर में रिकॉर्ड मतों से जीतकर विधायक बने, फिर छिनी विधायकी- जानें राजनीतिक सफर

2017 के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम को चुनावी मैदान में उतारा है। अब्दुल्ला आजम खान ने साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी की लहर में रिकॉर्ड तोड़ वोटों से जीत हासिल की और विधायक बने।;

Update: 2022-03-03 10:21 GMT

समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद और उत्‍तर प्रदेश के दिग्‍गज नेताओं में शुमार आजम खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam Khan) 23 महीने की सजा काटकर 15 जनवरी 2022 को सीतापुर (Sitapur) की जेल से बाहर आ चुके हैं। वे जमीन हथियाना समेत कई मामलों में जेल में बंद थे। 2017 के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले की स्वार विधानसभा सीट से अब्दुल्ला आजम को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी सीट से बीजेपी ने अनुप्रिया पटेल को भी चुनावी मैदान में उतारा है। अब्दुल्ला आजम खान ने साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी की लहर में रिकॉर्ड तोड़ वोटों से जीत हासिल की और विधायक बने। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद्द कर दी थी। 

अब्दुल्ला आजम ने बीजेपी उम्मीदवार को 50 हजार से अधिक वोटों से हराया था

साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन पूरी तरह से विफल हो गया था। वहीं बीएसपी पार्टी भी इस चुनाव को बहुत बूरी तरह से हार गई थी। भाजपा लहर के बावजूद दिग्गज नेता आजम खान अपनी सीट रामपुर और बेटे अब्दुल्ला आजम खान अपनी स्वार विधानसभा सीट बचाने में कामयाब रहे थे। अब्दुल्ला आजम खान स्वार सीट से बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को करीब 50 हजार वोटों से हराकर विधायक बने थे। वहीं बीएसपी काजिम अली तीसरे स्थान पर रहे। नवाब काजिम अली कांग्रेस के टिकट पर स्वार सीट से 2002, 2007 और 2012 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे। 

जन्म प्रमाण पत्र विवाद

अब्दुल्ला आजम ने स्वार सीट पर रिकॉर्ड तोड़ तो जीत दर्ज की। मगर नवाब काजिम अली ने अब्दुल्ला पर फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने का आरोप लगा कर शिकायत दर्ज कराई। इसके अलावा भाजपा के एक स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया कि अब्दुल्ला ने राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्र को पात्रता सीमा तक बढ़ाने के लिए कई जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किए थे। शिकायत के आधार पर रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करने पर अब्दुल्ला को चुनाव लड़ने के लिए अपनी जन्मतिथि को नकली बनाने का दोषी पाया। रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई थी। जनवरी 2019 में सक्सेना ने आगे एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में जन्म प्रमाण पत्र मामले में जालसाजी का मामला दर्ज कराया। हाईकोर्ट ने आरोपों पर सुनवाई करते हुए विधायक के रूप में अब्दुल्ला को अयोग्य घोषित कर दिया था। 

अब्दुल्ला आजम प्रारंभिक जीवन-शिक्षा और राजनीतिक कैरियर

अब्दुल्ला आजम का जन्म समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान और तंज़ीम फातमा के बेटे के रूप में हुआ। अब्दुल्ला आजम ने उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरंग (बीटेक) की पढ़ाई की है। वर्ष 2015 में अब्दुल्ला आजम खान ने गलगोटिया विश्वविद्यालय से इसी विषय में मास्टर्स भी किया। अब्दुल्ला आजम खान को वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर स्वार-टांडा सीट चुनावी मैदान में उतारा गया। वह चुनाव जीतकर विधायक बने। हालांकि, 16 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद होईकोर्ट के द्वारा चुनावी हलफनामे में विसंगति के कारण उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया था। 

अब्दुल्ला आजम खान की कुल नेट वर्थ

रामपुर जिले की स्वार टांडा विधानसभा सीट से आजम खान के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार चुनाव में बीजेपी ने अपना दल की सहयोगी प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब्दुल्ला आजम खान सबसे अमीर नेताओं में शुमार हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम खान की कुल संपत्ति का आंकड़ा नहीं मिला है, लेकिन अनुमान है कि उनके पास कम से कम 10 लाख से 15 लाख तक बताई गई है। 

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