नगालैंड में AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ाया गया, जानिए क्या है ये कानून

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह एएफएसपीए (AFSPA) कानून सेना को राज्य के अशांत क्षेत्र में कहीं भी स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए व्यापक अधिकार (Broad Rights) देता है।;

Update: 2021-12-30 04:17 GMT

नागालैंड में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम 1958 (AFSPA- एएफएसपीए) आज से छह और महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है। अब यह 30 जून 2022 तक लागू रहेगा। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से इस बात की जानकारी गृह मंत्रालय ने दी है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह एएफएसपीए (AFSPA) कानून सेना को राज्य के अशांत क्षेत्र में कहीं भी स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिए व्यापक अधिकार (Broad Rights) देता है। जिन क्षेत्रों में एएफएसपीए लागू है, वहां किसी भी सैन्यकर्मी (military personnel) को केंद्र सरकार (Central Government) की मंजूरी के बिना हटाया या उसे परेशान नहीं किया जा सकता है।  

इसके अलावा इस कानून को उन इलाकों में भी लगाया जाता है जहां पुलिस और अर्धसैनिक बल (Police and Paramilitary Forces) आतंकी, उग्रवाद (extremism) या फिर बाहरी ताकतों से लड़ने में नाकाम साबित होती हैं। इस कानून के तहत सैनिकों को कई विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। 

सैनिकों को ये विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं.. 

* किसी को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना।

* किसी संदिग्ध के घर में घुसकर जांच करने का अधिकार।

* पहली चेतावनी के बाद अगर संदिग्घ नहीं मानता है तो उसपर गोली चलाने का अधिकार।

* गोली चलाने के लिए किसी के भी आदेश का इंतजार नहीं करना।

* उस गोली से किसी की मौत होती है तो सुरक्षाबल पर हत्या का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।

* यदि राज्य सरकार/पुलिस प्रशासन, किसी सौनिक या सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसके अभियोग के लिए केंद्र सरकार की अनुमति अवश्य होती है। 

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