Air Pollution: दिल्ली में हर तरफ धुआं ही धुआं, 2 दिन के लिए स्कूल बंद, जानें यूपी समेत बाकी राज्यों का हाल

Air Pollution: देश में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है। दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे ज्यादा बेहाल है। यहां पर कई इलाकों में AQI 460 पहुंच गया है। पढ़ें बाकी राज्यों का क्या हाल है।;

Update: 2023-11-03 02:44 GMT

Air Pollution: देश में वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। इनमें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हालत बद से बदतर है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 46 पहुंच गया है। लोग जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं। आलम ये है कि डॉक्टर्स ने भी अब प्रदूषण से बचने के लिए सलाह देनी शुरू कर दी है। खासकर बच्‍चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को ज्‍यादा सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। देश के चार प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण में बढो़तरी देखी गई है। वहीं, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में इसमें गिरावट दर्ज की गई है।

पिछले पांच सालों में कैसे बिगड़ी देश की हवा

दिल्ली में हालात बेहद खराब

पिछले पांच सालों में देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से हालात बेहद खराब हुए हैं। शहर का AQI शुक्रवार को गिरकर 460 पर पहुंच गया, जो इस साल अब तक का सबसे खराब स्तर है। गुरुवार को रात 10 बजे यह 422 पर था और पिछले कई दिनों से इसकी स्थिति धीरे-धीरे खराब हो रही थी। 24 घंटे का औसत AQI बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था।  दिल्ली सरकार ने दिल्ली, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में गैर-ज़रूरी निर्माण गतिविधियों और बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीज़ल कारों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बिगड़ते हालात के मद्देनजर उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए आज मीटिंग बुलाई है। बैठक में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण III के कार्यान्वयन पर चर्चा होगी।

लखनऊ-पटना का क्या है हाल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी की राजधानी लखनऊ और बिहार की राजधानी पटना में अक्तूबर महीने का पीएम 2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच कम हुआ। हालांकि, यह पिछले कुछ सालों की तुलना में अधिक ही दर्ज किया गया है। लखनऊ में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 में 55.2 प्रतिशत की बढो़तरी देखी गई। 2021 में इसमें 53.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 2022 में इसमें फिर से 6.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और 2023 में फिर से 0.9 प्रतिशत की गिरावट आई।

इस तरह बिहार की राजधानी पटना में पीएम 2.5 में 2019 और 2020 के बीच 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। साल 2021 में इसमें 36.7 प्रतिशत की कमी आई। इसके बाद 2022 में इसमें 47.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। फिर 2023 में इसमें 11.1 फीसदी की गिरावट देखी गई।

बंगलुरु और चेन्नई का हाल

बंगलुरु और चेन्नई में अक्तूबर का पीएम 2.5 का स्तर 2022 और 2023 के बीच गिरा। बंगलुरु में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 में 72.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2021 में इसमें 5.8 फीसदी की मामूली गिरावट आई। 2022 में इसमें फिर से 29.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। साथ ही, 2023 में एक बार फिर से 11.6 प्रतिशत की कमी देखी गई। इसी तरह चेन्नई में पीएम 2.5 2019 और 2020 के बीच 43.2 फीसदी बढ़ा। 2021 में यह 27.8 फीसदी के आसपास रहा था। 2022 में फिर से यह 61.6 फीसदी तक बढ़ गया और 2023 में 23.7 प्रतिशत तक कमी दर्ज की गई।

आर्थिक राजधानी मुंबई में हवा का क्या है स्तर

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में 2019 से 2023 तक अक्तूबर का पीएम 2.5 स्तर लगातार बढ़ा। यह वायु गुणवत्ता में गिरावट का इशारा है। मुंबई में पिछले महीने एक साल पहले अक्तूबर की तुलना में प्रदूषण 42 प्रतिशत से ज्यादा दर्ज किया गया। पहले के सालों में पीएम 2.5 2019 और 2020 के बीच बढ़ा और 2021 व 2022 में थोड़ा कम दर्ज किया गया।

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