Flight Ticket Price: 'फ्लाइट टिकट बुक कराने में देरी, जेब पर क्यों भारी', पढ़िये इस सवाल का मोदी सरकार ने क्या दिया जवाब
Flight Ticket Price: केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया है कि हवाई यात्रा का किराया कई कारकों पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया है कि किस महीने में हवाई यात्रा महंगी होती है और किस सीजन में कम।;
Why Air Travel Expensive in India: आपने भी नोटिस किया होगा कि हवाई जाहज की टिकट बुक कराने में देरी होने के साथ किराया बढ़ता जाता है। ज्यादातर लोग इसे एयरलाइन कंपनियों की मनमानी कहते हैं, वहीं कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि केंद्र सरकार ने एयरलाइन कंपनियों को इतनी छूट दे रखी है कि वो अपने हिसाब से किराया वसूल लें। हाल में, एक प्रसिद्ध यूट्यूबर ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके आरोप लगाया था कि उन्हें एक शादी में जाना था और टिकट बुक कराने के दौरान ही किराया 10 हजार तक बढ़ गया था। यह केवल उनकी व्यथा नहीं है, बल्कि उन तमाम लोगों की है, जिन्हें तत्काल में हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक कराना पड़ता है। केंद्र सरकार ने अब हवाई यात्रा के लिए टिकट की कीमतों में उतार-चढ़ाव का कारण बताया है। साथ ही, जानकारी दी है कि किस सीजन में हवाई किराया अधिक होता है और किस सीजन में कम।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि हवाई किराया न तो सरकार द्वारा निधारित किया जाता है और न ही विनियमित किया जाता है। उन्होंने बताया कि एयरलाइन कंपनियां मांग और आपूर्ति के सिद्धांत का अनुसरण करके टिकट का मूल्य निर्धारित करती हैं। उन्होंने बताया कि भारत एक सीजनल बाजार है। मई और जून महीने में हवाई यातायात भी अधिक होता है और जुलाई के मध्य तक अंतरराष्ट्रीय यातायात प्रवाह भी अधिक होता है। इस कारण इस सीजन में हवाई यात्रा महंगी होती है। वहीं, जुलाई से सितंबर तक मॉनसून और धार्मिक कारणों से यात्राएं सीमित हो जाती हैं। अक्टूबर में त्योहारी सीजन के दौरान फिर से हवाई यात्राएं बढ़ जाती हैं और जनवरी के मध्य तक यात्राएं कम होने लगती हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी के मध्य के बाद से गर्मियों की छुट्टियों से पहले तक तक यात्राएं सीमित रहती हैं। गर्मी की छुट्टियों के चलते मांग बढ़ जाती है।
हवाई यात्रा का किराया कई कारकों पर निर्भर
उन्होंने बताया कि हवाई किराया बदलता रहता है। एयरलाइन कंपनियां मांग और आपूर्ति के सिद्धांत का अनुसरण करते हैं। किराया कई अन्य कारकों पर भी निर्भर करता है, जैसे किसी विशेष उड़ान पर पहले से ही बेची गई सीटों की संख्या, विद्यमान ईंधन की कीमत, रूट पर प्रचालित होने वाले विमान की क्षमता, सेक्टर में प्रतिस्पर्धा, मौसम, छुट्टियां, त्यौहार, लंबे सप्ताहांत कार्यक्रम आदि। उन्होंने बताया है कि फ्लाइट के रद्द या उड़ान में देरी होने के लिए यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए एयरलाइंस कंपनियों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा निर्देशित किया है। उनके इस जवाब से आप समझ सकते हैं कि अगर यात्रा के दौरान एयरलाइन कंपनी की ओर से कोई असुविधा होती है, तो सरकार हस्तक्षेप करेगी। वहीं, किराये की बात की जाए तो सरकार का इस पर सीधा नियंत्रण नहीं है। ऐसे में अगर आप छुट्टियों पर जाने का प्लान कर रहे हैं, तो एडवांस में ही टिकट बुक करा लें, अन्यथा आपकी हवाई यात्रा महंगी हो सकती है।