फांसी की सजा पाने वाली शबनम के लिए खास रहा रविवार, बेटे ताज ने दिया यह सरप्राइज...

अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अप्रैल 2008 में अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजा अर्श समेत सात सदस्यों की हत्या की थी। उसे फांसी की सजा सुनाई गई हैै। शबनम के बेटे ताज ने;

Update: 2021-02-21 11:36 GMT

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में अपने ही परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम के लिए आज का दिन खास रहा। उसके बेटे ताज ने रामपुर जेल में पहुंचकर अपनी मां से मुलाकात की। शबनम को फांसी की सजा सुनाई गई है। उसने दो दिन पहले ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को दया याचिका भेजी है। अगर शबनम की फांसी नहीं टलती तो वह आजादी के बाद ऐसी पहली महिला होगी, जिसे फांसी दी जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शबनम से मिलने के बाद जेल से बाहर आए ताज ने कहा कि वो आज बेहद खुश है कि मम्मी से मिला, लेकिन वह हमेशा उनके साथ रहना चाहता है, इसलिए मम्मी को फांसी नहीं होनी चाहिए। ताज ने आगे कहा कि मम्मी ने उसे दिल लगाकर पढ़ाई करने के लिए कहा है। मम्मी को चिंता है कि कहीं मेरा ध्यान पढ़ाई से नहीं हट जाए। बता दें कि ताज भी अपनी मां की जान बख्शने के लिए महामहिमत राष्ट्रपति से गुहार लगा चुका है। मीडिया में सामने आई तस्वीरों में ताज एक तख्ती लिए दिखाई दिया, जिस पर लिखा था, 'राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां शबनम को माफ कर दीजिए।' 

हत्याकांड के समय गर्भ में था ताज

अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अप्रैल 2008 में अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और दस महीने का भतीजा अर्श समेत सात सदस्यों की हत्या की थी। शबनम उस वक्त गर्भवती थी। दिसंबर 2008 में जेल के भीतर ही उसे बेटा हुआ, जिसका नाम ताज रखा। जेल नियमों के हिसाब से कैदी महिलाएं छह साल से बड़े बच्चे को अपने साथ नहीं रख सकतीं। ऐसे में ताज के लिए ऐसे परिवार की तलाश शुरू हुई, जो कि उसका ख्याल रख सके। शबनम की यह तलाश उसके कॉलेज फ्रेंड उस्मान सैफी पर आकर खत्म हुई। शबनम कॉलेज के दिनों में उस्मान की आर्थिक मदद भी किया करती थी, जिस कारण वह उसे अपनी बड़ी बहन की तरह मानता था। तब से उस्मान और उनकी पत्नी ताज की परवरिश कर रहे हैं। 


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