आर्मी चीफ एम एम नरवणे बोले- पूर्वी लद्दाख में चीन की हरकतों का था पता, लेकिन उसकी नियत भांप नहीं सके
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर कहा, ये चीन की ओर से कोई नई चीज नहीं थी। चीन की सेना प्रतिवर्ष ट्रेनिंग के लिए आते हैं। चीन की सेना जिन जहगों पर आती थी वहां पर हमारी नजरें थीं। फर्स्ट मूवर एडवॉन्टेज चीन को था, जिसकी किसी को भी जानकारी नहीं थी।;
इंडियन आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चीन और पाकिस्तान को जवाब दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी चीफ ने कहा है कि भारतीय सेना न सिर्फ पूर्वी लद्दाख, बल्कि उत्तरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट मोड में है।
हमारे जवान हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। जवाब देने के लिए सही समय का इंतजार है। आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने गलवान घाटी में हुई झड़प पर भी बयान दिया है। उनका कहना है, हम चीन की हरकतों से वाकिफ थे, मगर उनकी नियत को भांप न सके।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर कहा, ये चीन की ओर से कोई नई चीज नहीं थी। चीन की सेना प्रतिवर्ष ट्रेनिंग के लिए आते हैं। चीन की सेना जिन जहगों पर आती थी वहां पर हमारी नजरें थीं। फर्स्ट मूवर एडवॉन्टेज चीन को था, जिसकी किसी को भी जानकारी नहीं थी।
चीन के द्वारा पूर्वी लद्दाख में की गईं हरकतों का हमें पता था। लेकिन हम उनकी नीयत को भांप नहीं सकते थे। आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे ने बीता वर्ष (2020) चुनौतियों से भरा था। बॉर्डर पर तनाव था और कोरोना वायरस महामारी का भी खतरा था। लेकिन, हमारी सेना ने इसका कामयाबी से सामना किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आर्मी चीफ ने लद्दाख और उत्तरी सीमा की तैयारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी की है। आर्मी चीफ ने लद्दाख की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा, हमें शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। पर हमारी सेना किसी भी आकस्मिक चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए सभी लॉजिस्टिक तैयारी संपूर्ण है। साथ ही कहा, पूर्वी लद्दाख में हालात पहले की तरह ही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आर्मी चीफ ने आगे कहा कि मैंने एक प्रपोजल जारी कर दिया है। आर्मी एविएशन के अगले कोर्स में महिला अधिकारी पायलट ट्रेनिंग पर दाखिल होंगी। और एक वर्ष के बाद वो अपने फॉरवर्ड यूनिट में तैनात हो जाएगी।