Army Day 2020 : भारत में सेना दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें आर्मी डे के पीछे का इतिहास

Army Day 2020 : ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2017 के अनुसार, भारतीय सेना को दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना में गिना जाता है।;

Update: 2020-01-13 09:16 GMT

हर साल की तरह इस साल भी 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाएगा। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2017 के अनुसार, भारतीय सेना को दुनिया की चौथी सबसे मजबूत सेना में गिना जाता है। ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स अनुसार, अमेरिका, रूस और चीन के पास भारत से बेहतर सेना है। इसलिए भारतीय सेना को चौथे नंबर पर गिना जाता है।

जबकि भारत का पड़ोसी पाकिस्तान इस लिस्टी में 13 वें स्थान पर है। भारतीय सेना का आरंभ ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं से हुई थी, जिसे बाद इसे 'ब्रिटिश इंडियन आर्मी' के रूप में जाना जाने लगा। वहीं आजादी के बाद इसे भारतीय सेना के रूप में जाना जाता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना की स्थापना लगभग 123 साल पहले 1 अप्रैल 1895 को अंग्रेजों द्वारा की गई थी। भारतीय सेना की स्थापना 1 अप्रैल को हुई थी, लेकिन भारत में सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।

सेना दिवस के पीछे का इतिहास

लगभग 200 वर्षों तक ब्रिटिश शासन की गुलामी के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। उस समय देश सांप्रदायिक दंगों का सामना कर रहा था और शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे और कुछ लोग भारत से पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे।

इस प्रकार के अराजक माहौल के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न होने लगीं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा था ताकि विभाजन के दौरान शांति बनाई जा सके।

आजादी के समय भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। इसलिए भारतीयों के हाथों में देश का पूर्ण नियंत्रण सौंपने का यह सही समय था। इसलिए फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 15 जनवरी 1949 को आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बनाया गया।

चूंकि यह अवसर भारतीय सेना के लिए बहुत अद्भुत था, इसलिए भारत में हर साल इस भव्य दिवस को सेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। तब से यह परंपरा जारी है। आर्डी डे सभी सेना मुख्यालय और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई अन्य सैन्य शो सहित सेना की परेड आयोजित करके मनाया जाता है।

इस दिन, उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है जिन्होंने भारत माता की रक्षा और देश की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया है।

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