Army Helicopter Crash: देश के पहले सीडीएस हैं बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका हैं DWWA की प्रेसिडेंट

तमिलनाडु में बुधवार को सेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर (Mi-17V5 Helicopter) क्रैश हो गया। जिसमें सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत मधुलिका रावत समेत कई सेना के अधिकारी मौजूद थे।;

Update: 2021-12-08 11:42 GMT

तमिलनाडु में बुधवार को सेना का Mi-17V5 हेलीकॉप्टर (Mi-17V5 Helicopter) क्रैश हो गया। जिसमें सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत मधुलिका रावत समेत कई सेना के अधिकारी मौजूद थे। हादसे में अभी तक 11 शवों को बरामद कर लिया गया है। हालांकि सीडीएस और उनकी पत्नी के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनकी पत्नी समेत मधुलिका रावत के बारे में हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं। 


शुरुआती जीवन

सीडीएस बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में हिन्दू गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिपिन रावत पौड़ी जिले के द्वारखाल ब्लॉक के सैंण गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत (Laxman Singh Rawat) आर्मी में लेफ्टिनेंट थे और मां उत्तरकाशी के एमएलए किशन सिंह परमार (Ex- MLA Kishan Singh Parmar) की बेटी थी। रावत ने देहरादून में कैम्ब्रियन हॉल स्कूल और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला से पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी, खडकवासला और इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में दाखिला लिया। यहां उन्हें 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर' (Sword Of Honour) से सम्मानित भी किया गया।

मिलिट्री में कार्यकाल और उपलब्धियां

  • 16 दिसंबर साल 1978 को बिपिन रावत की भर्ती 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में हुई थी। ये वही बटालियन है जहां पर उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत ने अपनी सेवा दी थी।
  • बिपिन रावत के पास उच्च ऊंचाई युद्ध का एक्सपीरियंस हैं और इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने में दस साल बिताए हैं।
  • साल 1987 में सुमदोरोंग चू घाटी (Sumdorong Chu Valley) में, बिपिन रावत की बटालियन को चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खिलाफ तैनात किया गया था। ये साल 1962 के युद्ध के बाद विवादित मैकमोहन रेखा पर गतिरोध पहला सैन्य टकराव था।
  • बिपिन रावत कॉन्गो (Congo) के यूएन मिशन (UN Mission) में भी शामिल थे।
  • साल 2015 के जून में, मणिपुर में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ वेस्टर्न साउथ ईस्ट एशिया (UNLFW) से संबंधित उग्रवादियों द्वारा किए गए हमले में अठारह भारतीय सैनिक मारे गए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमा पार से हमलों का जवाब दिया जिसमें पैराशूट रेजिमेंट की 21वीं बटालियन की इकाइयों ने म्यांमार में एनएससीएन-के बेस पर हमला किया। उस समय 21 पैरा दीमापुर स्थित ट्रिपल आई कॉर्प्स (III Corps) के संचालन नियंत्रण में था, इस ऑपरेशन की कमान बिपिन रावत के पास थी।
  • उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल जैसे कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है।
  • जनरल बिपिन रावत आर्मी चीफ रहे हैं।
  •  जिस दिन बिपिन रावत सेना से रिटायर होने वाले थे ठीक उसी दिन उन्हें भारत का पहला चीफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया।

पत्नी मधुलिका भी करती हैं देश के लिए काम

सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत 'आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन' (Army Wives Welfare Association) से जुड़ी हुईं हैं। वह डीडब्ल्यूडब्ल्यूए (DWWA) की प्रेसिडेंट हैं।  यह संस्था देश के शहीदों के परिवारों के लिए काम करती है। रावत की पत्नी देश की सबसे बड़े एनजीओ एडब्ल्यूडब्ल्यूए (AWWA) के लिए बढ़-चढ़ के काम करती हैं। यही नहीं मधुलिका रावत कई ऐसे  कल्याणकारी कार्यक्रमों और अभियानों का हिस्सा रही हैं, जो शहीदों की विधवाओं और विकलांग बच्चों की सहायता के लिए चलाए गए। 

सेना के जवानों की पत्नियों को देती हैं प्रशिक्षण

 मधुलिका रावत सेना की पत्नियों को सशक्त बनाने, उन्हें ब्यूटीशियन पाठ्यक्रमों के साथ-साथ सिलाई, बुनाई और बैग बनाने का प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करती हैं। वह ऐसे ही कई अन्य प्रोग्राम भी चलाती हैं, जिनके जरिए जवानों की पत्नियों को सशक्त बनाने का काम किया जाता है।

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