Article 370 पर फैसले से पहले महबूबा मुफ्ती नजरबंद, पीडीपी ने किया दावा
Article 370 Verdict: अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया।;
Article 370 Verdict: जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने 23 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। 16 दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया। ऐसा दावा उनकी पार्टी की तरफ से किया गया है।
पीडीपी ने किया ट्वीट
पीडीपी ने एक ट्वीट में कहा कि अनुच्छेद 370 पर फैसला आने से पहले पुलिस ने मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए थे। इस बीच, अधिकारियों ने यह भी बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के श्रीनगर के गुपकर स्थित आवास के पास इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी।
गुपकर रोड के प्रवेश बिंदु पर पुलिस कर्मियों की एक टीम तैनात की गई थी और पत्रकारों को नेकां नेताओं के आवास के आसपास कहीं भी जाने की अनुमति नहीं थी। अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद उमर अब्दुल्ला अपने पिता के साथ रहते हैं। जबकि फारूक अब्दुल्ला, जो श्रीनगर से संसद सदस्य (सांसद) हैं, मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं, उनका बेटा घाटी में है।
घाटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर शीर्ष अधिकारियों ने पूरे कश्मीर में सुरक्षा के कड़े कदम उठाए हैं। इसी क्रम में बीजेपी ने विभिन्न राजनीतिक दलों से फैसले का राजनीतिकरण न करने और इसका सम्मान करने की अपील की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने घोषणा की कि कानून-व्यवस्था में कोई व्यवधान नहीं होगा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट कर देगा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लिया गया निर्णय अवैध है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने मामले पर फैसला दिया। बता दें कि पुलिस ने दो सप्ताह तक कश्मीर घाटी के 10 जिलों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। स्थानीय पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों ने चेतावनी जारी की है कि लोगों को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।