ओवैसी ने टारगेट किलिंग मामले पर मोदी सरकार को घेरा, कहा- 1989 के दशक की दिलाई याद
कश्मीर घाटी (Target Killing) में टारगेट किलिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिसके कारण कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा हो गया है। वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है।;
कश्मीर घाटी (Target Killing) में टारगेट किलिंग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिसके कारण कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा हो गया है। वही दूसरी तरफ केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इसी बीच एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उन्हें 1989 की याद दिलाते हुए कश्मीर (Jammu and Kashmir) के ऐसे हालात के लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) को जिम्मेदार ठहराया है।
ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा छोड़कर फिल्म प्रमोशन में लगी है, उनके लिए कश्मीरी पंडित ही वोट बैंक हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार की विफलताओं के कारण ही कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को फिर से कश्मीर से पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मोदी सरकार देश चला रही है या फिल्म प्रमोशन के लिए है।
केंद्र वर्ष 1989 की स्थिति को दोहरा रही है। पहले जो हुआ उससे सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है। कश्मीर के नेताओं के हाथ बंधे हुए हैं और उनके नेता दिल्ली में बैठे हैं। उन्होंने कहा लगभग हर रोज हो रही टारगेट किलिंग से लोग खौफ में हैं। और वह अपनी जान के डर से कश्मीर छोड़ने को मजबूर है। ये लोग टारगेट किलिंग (Target Killing) से इतने खौफ में हैं कि उनके लिए अपनी ही धरती से सामूहिक पलायन ही एकमात्र रास्ता बचा है।
घाटी में वर्षों से रह रहे सरकारी कर्मचारी यहां लगातार हो रही हत्याओं से बहुत नाराज हैं। वे राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। घाटी में हिंदू सरकारी कर्मचारी वी वांट जस्टिस के नारे लगा रहे हैं। ये सरकारी हिंदू कर्मचारी (Hindu Government Employees) पिछले 15 साल से कश्मीर घाटी के विभिन्न सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं।
बता दें कि प्रबंधक विजय कुमार राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे। दो दिन पहले कुलगाम में आतंकियों ने एक हिंदू महिला शिक्षिका (Hindu Women Teachers) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कुलगाम में लगातार तीन दिनों में हत्या की यह दूसरी घटना है। विजय कुमार कुलगाम के मोहनपोरा में देहाती बैंक में काम करता थे।