'मुसलमानों से उनकी अस्मत लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य', शाही ईदगाह मस्जिद में सर्वे की मंजूरी पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का ASI सर्वे को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी। इसको लेकर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून का मजाक बना दिया है।;

Update: 2023-12-14 11:16 GMT

Shri Krishna Janmabhoomi Case: मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का ASI सर्वे को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूरी दे दी। इसको लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि कानून का मजाक बना दिया है।

AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इलाहाबाद HC ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वेक्षण की अनुमति दे दी है। बाबरी मस्जिद फैसले के बाद, मैंने कहा था कि इससे संघ परिवार की शरारतें बढ़ेंगी। यह पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद ऐसी मुकदमेबाजी पर रोक लगाने के बावजूद है।

उन्होंने आगे कहा कि मथुरा विवाद दशकों पहले मस्जिद समिति और मंदिर के ट्रस्ट के बीच आपसी सहमति से सुलझाया गया था। इन विवादों को एक नया गुट उछाल रहा है। चाहे वह काशी हो, मथुरा हो या लखनऊ की टाइले वाली मस्जिद, यह एक ही समूह है। कोई भी उस समझौते को यहां पढ़ सकता है, जिसे अदालत के समक्ष तय किया गया था।

ओवैसी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम अभी भी लागू कानून है, लेकिन इस ग्रुप ने कानून और न्यायिक प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करनी थी, तो ऐसी क्या जल्दी थी कि सर्वे का आदेश देना पड़ा?

उन्होंने कहा कि जब एक पक्ष लगातार मुसलमानों को निशाना बनाने में रुचि रखता है, तो कृपया "देना और लेना" का उपदेश न दें, लेकिन कानून अब कोई मायने नहीं रखता। मुसलमानों से उनकी अस्मत लूटना ही अब एकमात्र लक्ष्य है।

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