AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राम मंदिर के भूमि पूजन में जाना असंवैधानिक
ओवैसी ने कहा कि हम 6 दिसंबर 1992 को हुई बाबरी विध्वंस की घटना को कभी नहीं भूल सकते हैं। हम अपनी हर पीढ़ी को यह जानकारी देते रहेंगे कि उस स्थान पर बाबरी मस्जिद थी।;
अयोध्या के भूमि-पूजन को लेकर लोग तरह--तरह की राजनीति करते हुए दिखाई दे रहे है। इसी क्रम में एक नाम एआईएमआईएम प्रमख असदुद्दीन ओवैसी का भी शामिल हो गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या भूमि पूजन मे सम्मिलित होने को असंवैधानिक बता दिया है।
वहां बाबरी मस्जिद था और मस्जिद ही रहेगा
ओवैसी ने कहा कि हम 6 दिसंबर 1992 को हुई बाबरी विध्वंस की घटना को कभी नहीं भूल सकते हैं। हम अपनी हर पीढ़ी को यह जानकारी देते रहेंगे कि उस स्थान पर बाबरी मस्जिद थी। उन्होंने कहा कि मेरे यकीन को मुझसे कोई नहीं छीन सकता है। मेरा यकीन कहता है कि वो बाबरी मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी।
प्रधानमंत्री का शिलान्यास करना असंवैधानिक
ओवैसी ने कहा कि नरेंद्र मोदी किसी एक धर्म विशेष के प्रधानमंत्री नहीं हैं। उन पर पूरे देश की जिम्मेदारी है। अगर वो अयोध्या जाकर राम मंदिर का शिलान्यास करते हैं तो इसे असंवैधानिक माना जाएगा। उन्हें वहां जाने से पहले हमें इस बात की जानकारी देनी होगी कि वो अयोध्या हमारे प्रधानमंत्री के तौर पर जा रहे हैं या एक आम इंसान की तरह।
होगी लाइव स्ट्रीमिंग
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे। शिलान्यास समारोह के लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की सरकारी चैनल दूरदर्शन पर लाइव स्ट्रीम भी की जाएगी।
150 लोगों को न्योता
5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के लिए जिन लोगों को आमंत्रित किया जा रहा हैं, उनमें भाजपा के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और आरएसएस चीफ मोहन भागवत का नाम शामिल है। ट्रस्ट ने कहा है कि इस दौरान उपस्थित होने के लिए 150 लोगों को न्योता दिया गया है।