असम सीएम हिमंत बिस्‍व सरमा का बड़ा बयान, बोले- अपराधी अगर भागने का प्रयास करें तो एनकाउंटर का पैटर्न अपनाए पुलिस

मुख्यमंत्री (Chief Minister) की पहली बार राज्य के सभी पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में आदेश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार, सीएम (CM) ने यह भी कहा कि आपके थाने में हत्या, बलात्कार, ड्रग्स, उगाही और अवैध हथियारों के सभी लंबित मामलों में अगले 6 महीने में आरोप पत्र दायर हो जाने चाहिए।;

Update: 2021-07-06 03:06 GMT

असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा ने अपराधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्‍व सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि अगर अपराधी (Criminal) भागने का प्रयास करता है या पुलिस से हथियार छीनता है तो एनकाउंटर (encounter) का पैटर्न अपनाया जाना चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम ने यह भी कहा है कि असम में बलात्कार (Rape), हत्या (Murder), मादक पदार्थ (narcotics), उगाही (collection) और हथियारों (weapons) के सभी लंबित मामलों की जांच अगले 6 महीने में पूरी की जाए और आरोप पत्र दायर किए जाएं।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) की पहली बार राज्य के सभी पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में आदेश जारी किए हैं। जानकारी के अनुसार, सीएम (CM) ने यह भी कहा कि आपके थाने में हत्या, बलात्कार, ड्रग्स, उगाही और अवैध हथियारों के सभी लंबित मामलों में अगले 6 महीने में आरोप पत्र दायर हो जाने चाहिए। जैसी भी सहायता की जरूरत हो उसके लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों, रेंज के डीआईजी (DIG) से संपर्क कीजिए।

इसके अलावा सीएम (CM) ने यह भी कहा कि फॉरेंसिक जांच (forensic investigation) की रिपोर्ट आने में अगर देर होती है तो नमूनों को असम (Assam) के बाहर स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा जा सकता है। इसके लिए देश की 4-5 बड़ी प्रयोगशालाओं के साथ समझौते पर हस्ताक्षर (signature) किए जा सकते हैं। यह भी कहा कि यदि आरोप पत्र जल्दी दायर कर दिए जाएं तो लंबित पुलिस मामलों की संख्या में से 50 प्रतिशत मामलों का निपटारा हो सकता है। हर 6 महीने में वह प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसलिए बैठक के दौरान अधिकारियों को मुख्यमंत्री को जांच में हुई प्रगति से अवगत कराना होगा। असम पुलिस के अनुसार, साल 2020 में राज्य में कुल 1 लाख 21 हजार 609 गंभीर अपराध हुए थे।

Tags:    

Similar News