महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर विधानसभा में पास हुआ प्रस्ताव, CM शिंदे बोले- 865 मराठी भाषी गांवों को करेंगे शामिल

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद का प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार बेलगाम, कारवार, निपानी, भालकी, बीदर और 865 मराठी भाषा बोलने वाले गावों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।;

Update: 2022-12-27 09:23 GMT

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद (Maharashtra and Karnataka border dispute) को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने मंगलवार को (यानी आज) विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया। यह प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया।

प्रस्ताव में कहा गया कि सभी आवश्यक कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार कर्नाटक के बेलगावी, कारवार, निपानी शहरों के साथ-साथ महाराष्ट्र के 865 गांवों की एक-एक इंच जमीन को शामिल करने के लिए कदम उठाएगी। सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार बेलगाम, कारवार, निपानी, भालकी, बीदर और 865 मराठी भाषा बोलने वाले गावों के लिए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेगी।

उन्होंने कहा कि सभी कानूनी पहलुओं को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार से गृह मंत्री के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णयों का पालन करने की अपील भी करेंगे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मराठी भाषी लोगों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार को कर्नाटक सरकार से केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक में लिए गए निर्णय को लागू करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी देने की अपील करनी चाहिए।

बात दें इससे पहले कर्नाटक विधानसभा ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा सीमा विवाद पर गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में राज्य के हितों की रक्षा करने तथा अपने पड़ोसी राज्य को एक इंच भी भूमि न देने का संकल्प व्यक्त किया गया था।

ये हैं मामला

यह सीमा विवाद 1957 से भाषाई आधार पर दोनों राज्यों के पुनर्गठन के बाद से चल रहा है। महाराष्ट्र बेलागवी का अपने राज्य के हिस्सा होने का दावा करता है जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि यहां मराठी भाषा बोलने वाले लोगों की अच्छी खासी संख्या है। इसने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया है जो वर्तमान में दक्षिणी राज्य का हिस्सा हैं। वही कर्नाटक इसका विरोध करता है। और वह इन सबको अपने राज्य का हिस्सा बताता है।

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