बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कल्याण सिंह को मिली जमानत, कोर्ट ने तय किए आरोप
राजस्थान (Rajasthan) के पूर्व राज्यपाल (Ex Governor) और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Ex CM Kalyan Singh)को आज अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है। 6 दिसंबर 1992 को जब ढांचा गिराया गया था, तब कल्याण सिंह ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।;
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आज दोपहर 12 बजे अयोध्या ढांचा विध्वंस की सुनवाई कर रही लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में हाजिर हुए थे। सुनवाई के दौरान उन्होंने जमानत की अर्जी कोर्ट में पेश की थी। जिसे कोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। कोर्ट ने पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं और उन्हें जमानत मिल गई है।
Manish, BJP leader Kalyan Singh's lawyer in Babri Masjid demolition case: Kalyan Singh ji has been granted bail by the court on a personal bond of Rs 2 lakhs. pic.twitter.com/4gOqF5XayV
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2019
क्या था पूरा मामला:
रामजन्मभूमि विवाद (Ram Janambhoomi Dispute) भारतीय राजनीति में कई वर्षों से चर्चा का मुद्दा रहा है। जिस विवादित ढ़ांचे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, उसको लेकर विवाद की शुरूआत वर्ष 1949 से हुई थी। जब अखिल भारतीय रामायन महासभा ने अयोध्या (Ayodhya) में स्थित 16 वीं शताब्दी में बनी बाबरी मस्जिद (Babri Mashid) के बाहर 9 दिनों तक लगातार रामचरित्रमानस का जाप किया था।
भगवान राम और सीता की मूर्ती प्रकट हुई थी
जिसके अगले दिन यह कहा गया था कि वहां पर भगवान राम और सीता की मूर्ती प्रकट हुई है। जिसके बाद भगवान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोग वहां आने लगे थे। मामले की संवेदनशीलता देखते हुए सरकार ने उस जगह को विवादित ढांचा घोषित कर दिया था और ढांचे के दरवाजे पर ताला लगावा दिया था। लेकिन वर्ष 1986 में वहां के ताले खोल दिए गए थे और हिंदू समुदाय के लोगों को वहां प्रवेश करने दिया गया था।
1991 ंमें उत्तर प्रदेश सीएम बने थे कल्याण सिंह
तबसे वहां राम मंदिर बनाने के लिए अभियान शुरू हो गया था। ऐसे माहौल में भाजपा उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई और 1991 में कल्याण सिंह ने बतौर सीएम पद संभाला। कल्याण सिंह की नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में काफी सुधार देखने को मिले। लेकिन 6 दिसंबर 1992 को रविवार के दिन हजारों की संख्या में पूरे देश से राममंदिर निर्माण की मांग करने के लिए कर सेवक अयोध्या में इकट्ठे हुए, जिससे अयोध्या के माहौल में तनाव पैदा हो गया था।
कर सेवकों ने ढहा दिया था ढांचा
कुछ ही समय बाद अयोध्या की विवादित जगह से अप्रत्याशित घुसपैठ की खबरें आने लगीं। उसके बाद जानकारी प्राप्त हुई कि कुछ कर सेवक विवादित ढ़ांचे की गुंबद पर चढ़ गए और उसे तोड़ दिया। थोड़े समय में ढ़ाचे को पूरी तरह ढहा दिया गया। उत्तर प्रदेश सीएम होने के तौर पर यह घटना घटित होने के लिए उन्हें भी इसमें जिम्मदार माना गया और उन्हें भी मस्जिद विध्वंस का आरोपी बना दिया गया।
कोर्ट में पेशी के दौरान जमानत याचिका भी पेश करेंगे
बता दें,19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न नेताओं के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक आरोपों को पुनर्जीवित किया था। लेकिन कल्याण सिंह उस समय राजस्थान गर्वनर के पद पर नियुक्त थे। जिस वजह से उन्हें संरक्षण मिल गया था।
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