Balakot Air Strike : जब आधी रात को भारत ने लिया था पुलवामा हमले का बदला, ऐसे बनाई थी योजना
Balakot Air Strike : वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट के खैबर पख़्तूनख्वा में जैश के आतंकी कैंप को निशाना बनाया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी। ये पुलवामा हमले का बदला था।;
Balakot Air Strike : 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद 26-27 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने 40 जवानों की शाहदत का बदला लिया था। वायु सेना ने एक प्लान के साथ पाकिस्तान में घुसकर पीओके के बालाकोट के खैबर पख़्तूनख्वा में जैश के आतंकी कैंप को निशाना बनाया था। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी।
इस एयरस्ट्राइक में वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अड्डों पर ताबड़तोड़ बम बरसाए थे। वायु सेना ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी कैंप पर हमला करने के लिए 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों से चढ़ाई की थी। इस ऑपरेशन को गोपनीयता बनाए रखने के लिए ऑपरेशन बंदर नाम दिया था।
जानें कैसे बालाकोट को मिशन के लिए चुना गया
पुलवामा हमले के बाद भारत की खुफियां एजेंसियां सतर्क हो गई थीं। जिसके बाद खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान में विभिन्न आतंकवादी कैंपों की पड़ताल की थी। उन्होंने पुलवामा हमले में शामिल होने के कारण जैश द्वारा चलाए जा रहे इस आतंकी कैंप को चुना था। मिशन को सीक्रेट रखते हुए तीन मुख्य कैंपों की पहचान की गई, जिसमें पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर में, मुजफ्फराबाद (पीओके) के पास सवाई नाला और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (केपीके) में बालाकोट में थे।
इसके बाद स्थान पर चर्चा की गई। बहावलपुर में असैनिक नागरिकों को मारे बिना हमला करना मुश्किल था। क्योंकि पिछले कुछ सालों में यह पंजाब के एक घनी आबादी वाले इलाके में से एक था।
इसके बाद सवाई नाला जैश का सबसे बड़ा आतंकी कैंप था। लेकिन इसे इसलिए नहीं चुना गया क्योंकि यह पीओके में था। 2016 में मोदी ने उरी हमलों के बाद पीओके में जैश कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक का आदेश दिया था।
जिसके बाद अंत में सरकार ने बालाकोट के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत को चुना। जहां पर जैश के आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। वायुसेना ने ऑपरेशन बंदर के तहत आधी रात औ तड़के सुबह पाक की सीमा में घुसी और बम गिराकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया था।