PM मोदी पर बनी BBC डॉक्यूमेंट्री बैन, 300 से ज्यादा पूर्व जज-नौकरशाहों ने खोला मोर्चा, जानें पूरा मामला
सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को सोशल मीडिया पर रिलीज करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने अपने आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाई है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री (BBC documentary) को लेकर भारत से लेकर ब्रिटेन तक विरोध और विवाद चरम पर है। वही सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' को सोशल मीडिया पर रिलीज करने पर रोक (BBC documentary banned) लगा दी है। सरकार ने अपने आपातकालीन अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाई है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information Broadcasting) ने इस डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को दिखाने वाले कई YouTube वीडियो पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक संबंधित यूट्यूब वीडियो (YouTube Video) का लिंक शेयर करने वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक करने को भी कहा गया है। इसके बाद अब YouTube और Twitter दोनों ने संबंधित वीडियो को हटा दिया है।
300 से ज्यादा पूर्व जज-नौकरशाहों ने खोला मोर्चा
इसके अलावा पूर्व न्यायाधीशों, पूर्व नौकरशाहों और पूर्व सैनिकों के एक समूह ने बीबीसी के एक डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की है। उन्होंने डॉक्यूमेंट्री को एक देशभक्त के खिलाफ प्रेरित चार्जशीट करार दिया है। उन्होंने दावा किया कि यह भारत में पिछले ब्रिटिश साम्राज्यवाद का आदर्श था जिसने खुद को हिंदू-मुस्लिम तनाव को पुनर्जीवित करने के लिए न्यायाधीश और जूरी दोनों के रूप में स्थापित किया।
यह ब्रिटिश राज की 'फूट डालो और राज करो' की नीति का परिणाम है। 13 पूर्व जजों, राजनयिकों और 156 पूर्व सैनिकों समेत 13 पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर वाला एक बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह वृत्तचित्र तटस्थ आलोचना या रचनात्मक स्वतंत्रता या सत्ता विरोधी दृष्टिकोण का उपयोग करने के बारे में नहीं है। उन्होंने कहा कि बीसीसी सीरीज न केवल भ्रामक और स्पष्ट रूप से एकतरफा रिपोर्टिंग पर आधारित है, बल्कि यह एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में भारत के अस्तित्व के 75 साल पुराने ढांचे पर भी सवाल उठाती है।
ये हैं मामला
ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी ने मंगलवार को इंडिया: द मोदी क्वेश्चन शीर्षक से दो पार्ट में बनाई नई सीरीज का पहला भाग जारी किया है। सीरीज में पीएम मोदी के शुरुआती राजनीतिक सफर के बारे में बताया गया है। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनके जुड़ाव, बीजेपी में उनके बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी नियुक्ति पर भी चर्चा की गई है। इसमें मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान गुजरात में हुए दंगों का भी जिक्र है। यह हिस्सा गुजरात दंगों में पीएम मोदी की कथित भूमिका के बारे में बताया गया है। इसको लेकर विवाद हो रहा है। 17 जनवरी को सीरीज आते ही विवाद शुरू हो गया।
ब्रिटेन में सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो गया। लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि बीबीसी को 1943 के बंगाल के अकाल पर भी एक सीरीज बनानी चाहिए जिसमें 30 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी और बीमारी से मारे गए थे. एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि बीबीसी को यूके: द चर्चिल क्वेश्चन नाम से एक सीरीज भी बनानी चाहिए। बढ़ते विवाद को देखते हुए एक दिन बाद बुधवार को बीबीसी ने इस सीरीज को यूट्यूब से हटा दिया गया है।