Chamki Fever : एक तरफ दम तोड़ते बच्चे दूसरी तरफ दिल तोड़ते नेताओं के बयान

जनता चाहती हैं कि अगर उनपर किसी सरकारी व्यवस्था के कारण दुख हो तो उन्हें भी ये महसूस हो। और संवेदना जाहिर करें। पर इस समय मामला एकदम उल्टा हो गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले 14 दिन से चमकी बुखार का कहर जारी है, 120 से ज्यादा मासूम काल के गाल में समा गए। इस दुख की घड़ी में नेताओं के बयान आपको और दुखी कर देंगे।;

Update: 2019-06-18 11:21 GMT

जनता का प्रतिनिधि होने के नाते हम नेताओं से हमेशा बेहतर की उम्मीद करते हैं। जनता चाहती हैं कि अगर उनपर किसी सरकारी व्यवस्था के कारण दुख हो तो उन्हें भी ये महसूस हो। और संवेदना जाहिर करें। पर इस समय मामला एकदम उल्टा हो गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले 14 दिन से चमकी बुखार का कहर जारी है, 120 से ज्यादा मासूम काल के गाल में समा गए। इस दुख की घड़ी में नेताओं के बयान आपको और दुखी कर देंगे।

ताजा बयान आया है मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का, जिन्होंने बड़ी ही लापरवाही से बयान देते हुए कहा कि इस बार पहले से ज्यादा मामले सामने आया है, क्योंकि गर्मी ज्यादा है। इसके लिए पेड़ लगाने चाहिए, बीमारी की असली वजह 4जी है, जी फॉर गर्मी, गांव, गरीबी और गंदगी। ज्यादातार मरीज गरीब तबके से हैं और रहन-सहन के स्तर में गिरावट है। अजय निषाद यहीं नहीं रुके, उन्होने कहा कि कभी-कभी चूक हो जाती है, बीमारी में गिरावट गो गई इसलिए ध्यान हट गया।

भाजपा की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसद दिनेश चंद्र यादव मुजफ्फरपुर के सांसद से दो कदम आगे चलते हुए उन्होने कहा कि जब गर्मी आती है तो बच्चे बीमार पड़ जाते हैं, और मौत का आंकड़ा बढ़ जाता है। ऐसा हर बार होता है सरकार ने व्यवस्था की है। जैसे ही बारिश शुरू होगी यह रुक जाएगा। नेताजी के बेतुके बयान की हर तरफ किरकिरी हो रही है। इलाज या सुझाव के बजाय नेताजी ने मौसम को ही जिम्मेदार ठहरा दिया।

दिनेश चंद्र यादव ने स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रेस कॉफ्रेंस में ताजा स्कोर पूछे जाने पर हुई आलोचना पर सफाई देते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के मैच के दौरान लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना उमड़ती है वे चाहते हैं कि भारत जीते। मंगल पांडेय ने प्रेस कॉफ्रेंस खत्म होने के बाद भारत के जीतने पर ट्वीट किया था। जिसको लेकर उनकी आलोचना हुई। प्रमुख पत्रकारों ने रिट्वीट में उन्हें मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत का आंकड़ा पेश कर दिया।



बिहार सरकार में मंत्री सुरेश शर्मा का अलग ही अलाप है उन्होंने कहा की इन्सेफलाइटिस पर समीक्षा बैठक हो चुकी है। 200 बच्चों को बचाया जा चुका है उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। वह ये बातें बहुत ही कान्फिडेंस के साथ बोल रहे थे। बिहार के ही एक मंत्री श्याम रजक हैं उनके बयान में भी सत्ता का गुरूर साफ दिखाई दिया। सीएम के न आने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों का इलाज जरूरी है कि सीएम का आना। महत्वपूर्ण क्या है।

बच्चों की मौत इस समय देश के लिए सबसे ज्यादा दुख की बात है। अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से हो रही मौतों पर जिम्मेदार नेता कभी गर्मी तो कभी लीची को दोष देकर खुद बच निकलना चाहते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सवालों से बचते नजर आए। वह 2014 में भी यहां इसी बीमारी के बाद आए थे। आगे बेहतर होगा ऐसा वादा करके वापस चले गए पर 5 साल में कुछ नहीं बदला। अबतक 120 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है और लगातार संख्या बढ़ रही है ये कब रुकेगी इसपर कुछ कह पाना संभव नहीं है।

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