बीजेपी सांसद ने आमिर खान को बताया हिंदू विरोधी अभिनेता, कहा- उनका विज्ञापन हिंदुओं में अशांति पैदा कर रहा

विज्ञापन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए हेगड़े ने कंपनी के एमडी और सीईओ अनंत वर्धन गोयनका से हिंदुओं में अशांति पैदा करने वाले विज्ञापन का संज्ञान लेने को कहा।;

Update: 2021-10-22 08:32 GMT

कर्नाटक बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े (Karnataka BJP MP Anant kumar Hegde) ने एक विवादित विज्ञापन (controversial advertisement) में अभिनय करने के लिए अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) पर तीखा हमला बोला है। सांसद अभिनेता को हिंदू विरोधी बताया और कहा कि उनका विज्ञापन हिंदुओं में अशांति पैदा कर रहा है। सिएट लिमिटेड (Ceat Ltd) के टीवी विज्ञापन में बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान को दिखाया गया है और उन्हें लोगों को सड़कों पर पटाखे न फोड़ने की सलाह देते हुए दिखाया गया है। 

विज्ञापन पर कड़ी आपत्ति जताते हुए हेगड़े ने कंपनी के एमडी और सीईओ अनंत वर्धन गोयनका से हिंदुओं में अशांति पैदा करने वाले विज्ञापन का संज्ञान लेने को कहा। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंत वर्धन गोयनका को लिखे अपने पत्र में उत्तर कन्नड़ सांसद ने कहा वह हिंदुओं में रोष उत्पन्न करने वाले हालिया विज्ञापन का संज्ञान लें।

आपकी कंपनी का हालिया विज्ञापन, जिसमें अभिनेता आमिर खान लोगों को सड़कों पर पटाखे नहीं चलाने की सलाह दे रहे हैं। एक बहुत अच्छा संदेश दे रहा है। सार्वजनिक मुद्दों पर आपकी चिंता के लिए सराहना किए जाने की जरूरत है। इस संबंध में मैं आपसे सड़कों पर लोगों के सामने आने वाली एक और समस्या का समाधान करने की अपील करता हूं जिसमें कि शुक्रवार और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के दिन नमाज के नाम पर मुस्लिमों द्वारा सड़कें जाम कर दी जाती हैं।

टाइम्स नाऊ अंग्रेजी के मुताबिक, हेगड़े ने पत्र में यह भी लिखा कि नमाज के दौरान जब मुसलमान व्यस्त सड़कों को अवरुद्ध करते हैं और नमाज अदा करते हैं तो एंबुलेंस और दमकल वाहन जैसे वाहन भी यातायात में फंस जाते हैं, जिससे 'गंभीर क्षति' होती है।

कंपनी के विज्ञापनों में ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा भी उठाएं क्योंकि हमारे देश में मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर से अजान के समय बहुत अधिक शोर होता है। वह ध्वनि अनुमेय सीमा से परे है। शुक्रवार को इसे कुछ और समय के लिए बढ़ाया जाता है। इससे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों और आराम करने वाले लोगों विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों और कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए बड़ी असुविधा पैदा हो रही है।

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