Loksabha Election: चिराग पासवान को NDA मीटिंग में आने का न्योता, बिहार की राजनीति में दिखेगा बड़ा बदलाव!

Loksabha Election 2024: अगले साल देशभर में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी के चलते सभी राजनीतिक दल इसकी तैयारी में पूरी तरह से जुट गए हैं। इसी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 18 जुलाई को एनडीए की एक बैठक बुलाई है। इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया है। पढ़िये इसका लोकसभा चुनाव पर क्या पड़ेगा असर...;

Update: 2023-07-15 06:50 GMT

Loksabha Election 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां पूरे दमखम के साथ जुट गईं हैं। इसी कड़ी में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 18 जुलाई की बैठक के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (Ram Vilas) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) को आमंत्रित किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने पासवान को पत्र लिखकर एलजेपी को भगवा पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए का एक महत्वपूर्ण भाग बताया है। यह बैठक 17 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष की मीटिंग के दौरान होगी।

जेपी नड्डा ने पत्र में क्या लिखा

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र में लिखा कि मंगलवार 18 जुलाई को शाम 5 बजे नई दिल्ली के अशोक होटल में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की मौजूदगी में एनडीए की बैठक होनी तय हुई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस बैठक में चिराग पासवान सादर आमंत्रित हैं। एनडीए के एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में आपकी भूमिका और आपका सहयोग न केवल गठबंधन को मजबूत करता है बल्कि देश की विकास यात्रा को भी मजबूत करता है।

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बीजेपी क्यों चाहती है चिराग का साथ

बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में दलितों और उसमें भी पासवान के वोट पर जो पकड़ और प्रभाव चिराग का है, वो पांच सांसद तोड़कर नई पार्टी बनाने वाले उनके चाचा पशुपति पारस का नहीं है। इस बात से भारतीय जनता पार्टी भी अच्छी तरह से परिचित है। चिराग पासवान की लोजपा, भारतीय जनता पार्टी (BJP) से संबंध अच्छे रखना चाहती है। हालांकि, गठबंधन करने के दौरान उन्होंने कुछ शर्ते भी रखी हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में तकरीबन 16 प्रतिशत दलित मतदाता हैं और इनमें से लगभग 6 प्रतिशत लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) के पास हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव में लोजपा ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया था। 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी के साथ ही भारतीय जनता पार्टी यह रणनीति तय कर रही है। अगर चिराग पासवान की पार्टी से हाथ मिला लिया जाए तो लोकसभा चुनाव में लाभ मिलने की उम्मीद है।

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