7 विधायकों की बगावत पर मायावती का सपा पर तंज, बोलीं यह हरकत MLC चुनाव में पड़ेगी भारी
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सपा के साथ हमने हाथ मिलकर बहुत बड़ी गलती कर दिया। हम इसका अंजाम यूपी में होने वाले एमएलसी चुनाव में दिखाएंगे। सपा को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोक देंगे।;
उत्तर प्रदेश में सात विधायकों की बगावत का मामला काफी गरमाता जा रहा है। हालांकि इस पर अभी मुहर नहीं लगा है कि इन सात विधायकों ने बसपा का साथ छोड़ है या नहीं। लेकिन जिस तरह से विधायकों की सपा से मुलाकात हुई है, उसे अनुमान लगाया जा रहा है कि सातों विधायक सपा में प्रवेश कर सकते हैं।
इस मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर जमकर हल्ला बोला है। उन्होंने सपा के साथ हाथ मिलाने से लेकर अब तक के सफर के बारे में बताया है। गुरुवार को मायावती ने कहा कि हमारे सात विधायकों को तोड़ा गया है।
सपा की हरकत, MLC चुनाव में काफी भारी पड़ेगी
सपा की यह हरकत MLC चुनाव में काफी भारी पड़ेगी। हमारी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए सपा के साथ हाथ मिलाया था। बीएसपी प्रमुख मायावती ने कहा कि अपने परिवार की लड़ाई के कारण, वे बसपा के साथ 'गठबंधन' से अधिक लाभ नहीं ले सके।
उन्होंने लोकसभा चुनावों के बाद हमें जवाब देना बंद कर दिया था। जिसके चलते हमने उनके साथ दूरी बना ली। जब हमने यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए सपा के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो हमने इसके लिए बहुत मेहनत की।
1995 की घटना को वापस लेकर हमने बहुत बड़ी गलती की- मायावती
लेकिन हमारे गठबंधन के पहले दिन से ही सपा प्रमुख एससी मिश्रा से कहते रहे कि जब बसपा-सपा ने हाथ मिलाया है तो बसपा को जून 1995 के मामले को वापस लेना चाहिए। मायावती ने कहा कि हम 1995 की घटना को भूला कर आगे बढ़े।
चुनाव में सपा को लाभ नहीं मिला। जब हमने लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तो हमने महसूस किया कि हमने उनके खिलाफ 2 जून 1995 के मामले को वापस लेते हुए एक बड़ी गलती की है और हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था।
हमें थोड़ा गहराई से सोचना चाहिए था।
पांच विधायकों ने दायर की थी हलफनामा
गौरतलब है कि राज्यसभा में बसपा प्रत्याशी रामजी गौतम के पांच प्रस्तावकों असलम राइनी, असलम अली, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद और हरगोविंद भार्गव ने हलफनामा दायर करके अपना प्रस्ताव वापस ले लिया था।
इसके बाद इन विधायकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इन पांचों के अलावा बसपा विधायक सुषमा पटेल और वंदना सिंह ने भी अखिलेश से मुलाकात की थी। इन सातों विधायकों की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करना बसपा का साथ छोड़ना बताया जा रहा है।