Budget 2019 : स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट बढ़ाने की जरूरत, इन मुद्दों पर मोदी सरकार को करना होगा सुधार

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5 जुलाई को संसद में बजट पेश किया जाएगा। दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार से आम जनता को बहुत उम्मीदें हैं। स्वास्थ क्षेत्र में हमेशा भारत सरकार कंजूसी दिखाती है। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर खास नजर रहता है। मोदी सरकार की दूसरी कार्यकाल के गठन के बाद बिहार में चमकी ने कहर मचा कर रख दिया। राज्य व केंद्र सरकार की पोल खुल गई। ऐसे में हो सकता है कि सरकार हाल के दिनों से सबक लेते हुए स्वास्थ्य पर पैसा खर्च करे।;

Update: 2019-07-04 13:52 GMT

वित्त वर्ष 2019-20 (Financial Year 2019-20) के लिए 5 जुलाई को संसद में बजट पेश (5 July Budget) किया जाएगा। दूसरी बार सत्ता में आई मोदी सरकार (Modi Sarkar) से आम जनता को बहुत उम्मीदें हैं। स्वास्थ क्षेत्र  (Health Sector) में हमेशा भारत सरकार कंजूसी दिखाती रही है। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर खास नजर रहता है। मोदी सरकार की दूसरी कार्यकाल (Modi Sarkar-2) के गठन के बाद बिहार में चमकी (Chamki Fever In Bihar) ने कहर मचा कर रख दिया था जिससे राज्य (Bihar Government) व केंद्र सरकार (Central Government) की पोल खुल गई। ऐसे में हो सकता है कि सरकार हाल के दिनों से सबक लेते हुए स्वास्थ्य (Increase Health Budget) पर पैसा खर्च करे।

आईए जानते हैं स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों की क्या राय है...

देश के हर नागरिक को क्वालिटी स्वास्थ्य सुविधा का हक

पंजाब मेडिकल काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जीएस गेरवाल का कहना है कि भारत के हर नागरिक को उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएं (Quality Health Service) लेने का अधिकार है। हर बार सरकार इस मोर्चे पर कम खर्च करती है और बाद में इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। इसलिए जरूरत है कि देश में मेडिकल की पढ़ाई (Medical Education) को बेहतर बनाया जा सके। वहीं सरकारी अस्पतालों (Modernization Of Hospital) की बदतर हालात को भी सुधारने की सख्त जरूरत है। ऐसा पीएम मोदी (PM Modi) तभी कर पाएंगे जब वे स्वास्थ्य बजट (Health Budget 2019) में बढ़ोतरी करेंगे।

अस्पतालों व मेडिकल कालेजों की संख्या में हो बढ़ोतरी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चीफ डॉ. पीएस जस्सल के मुताबिक हमारे देश में अब तक किसी की भी सरकारें बनी हों, उसने स्वास्थ्य विभाग (Health Sector) का अनदेखी किया है। इसी वजह से देश में छोटी-छोटी बीमारियां जान ले लेती हैं और हम कुछ नहीं कर पाते। डॉ. जस्सल के अनुसार देश में सरकार अगर कुछ करना चाहती है तो वह स्वास्थ्य व शिक्षा (Health And Education) पर पैसा खर्च कर दे। उन्होंने कहा कि पंजाब (Punjab) राज्य में साल 1973 के बाद से एक भी मेडिकल कॉलेज (Medical Colleges) नहीं खुल पाया है। समाज को स्वस्थ्य रखने के लिए मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों (Medical Colleges and Hospitals) की बढ़ोतरी बेहद जरूरी है।

आयुष्मान योजना में सुधार करने की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉ. मनोज सोबती का कहना है कि केंद्र ने आयुष्मान योजना (Ayushman Bharat Yojna) लागू करके देश को सौगात दिया है। सरकार इस योजना का लगातार प्रचार कर रही है। लेकिन इस योजना की हेल्थ रेट सर्विस बहुत कम है। सरकार को चाहिए कि रेट में कुछ बढ़ोतरी करे ताकि सभी अस्पताल इस योजना को अपना सके।

प्राइमरी व इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं हो मजबूत

पंजाब के एक अस्पताल की महिला डॉ. कवंलजीत कौर ने केंद्र सरकार को सलाह दिया है कि सरकार प्राथमिक (Primary Health Service) और आपातकालीन स्वास्थ्य (Emergency Health Service) व्यवस्था को मजबूत करके स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बना सकती है। डॉ. कौर के मुताबिक देश में प्राथमिक और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की हालात बदतर हो चुकी है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में स्टॉफ की काफी कमी है। अगर सरकार इन मुद्दों पर ध्यान देती है तो देश की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो जाएंगी।

सरकारी अस्पतालों का हो आधुनिकीकरण

सीनियर डॉक्टर व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े डॉ. अरूण मित्रा का कहना है कि सरकार को चाहिए कि स्वास्थ्य बजट बढ़ाकर 5 फीसदी (Health Budget Increase to 5 ) से अधिक कर देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों की हालात बेहद नाजुक है। जरूरत है कि गांवों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण (Modernization Of Hospital) किया जाए। जिससे ग्रामीणों को शहर जानें की जरूरत न पड़े। इसके लिए ईएसआई स्किम (ESI Skim) को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में मात्र 44 मॉडल अस्पताल (Model Hospital) हैं, इसको बढ़ाकर 100 से अधिक करनी चाहिए।   

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