Budget 2019 Highlights : आम बजट से जुड़ी 10 दिलचस्प तथ्य

आम बजट 2019-20 (Union Budget 2019-20) / मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट (First Budget) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पांच जुलाई 2019 (5 Jully 2019) को पेश करेंगी। यह पहली बार होगा जब कोई महिला सरकार का पूर्ण बजट पेश करेगी। (financial Year 2019-20) वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट (Union Budget) में मोदी सरकार (Modi Government) इनकम टैक्स में छुट के साथ छोटे कारोबारियों और किसानों को राहत दे सकती है।;

Update: 2019-06-26 02:38 GMT

आम बजट 2019-20 (Union Budget 2019-20) / मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट (First Budget) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पांच जुलाई 2019 (5 Jully 2019) को पेश करेंगी। यह पहली बार होगा जब कोई महिला सरकार का पूर्ण बजट पेश करेगी। (financial Year 2019-20) वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट (Union Budget) में मोदी सरकार (Modi Government) इनकम टैक्स में छुट के साथ छोटे कारोबारियों और किसानों को राहत दे सकती है। बता दें कि जिस तरह से हम अपने घर का बजट बनाते हैं ठीक उसी तरह से हर साल सरकार बजट बनाती है। कि इस साल कहां पर कितना खर्च करना है, आमदनी क्या होगी आदि। आम बजट (Aam Budget) में सरकार की आमदनी और प्रस्तावित योजनाओं पर होने वाले खर्च की डिटेल होती है। बता दें कि बजट को लागू करने से पहले उस संसद के दोनों सदनों पर पारित करवाना आवश्यक है। तो चलिए जानते है आम बजट से जुड़ी 10 दिलचस्प बातों को..

आम बजट से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें..

1. बजट की उत्पति

बजट लैटिन शब्द बुल्गा से लिया गया है। इस चमड़े के थैले को फ्रेंच भाषा में बोजेट या बुगेट कहते हैं। बस इसीलिए इस परंपरा को पहले बुजेट और अब बजट कहा जाने लगा।

2. भारत में बजट की शुरुआत

आज भी कुछ लोग इस बात से अंजान है कि भारत का पहला बजट किसने पेश किया था। बता दें कि भारत का पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से पेश किया गया था। 18 फरवरी 1860 को ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया था। जेम्स विल्सन को भारतीय बजट का व्यवस्था का जनक भी कहा जनक माना जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में एक अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्त वर्ष की शुरुआत साल 1867 में हुई थी। 1867 से पहले वित्त वर्ष 1 मई से 30 अप्रैल तक होता था।

3. स्वतंत्र भारत का पहला बजट

26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया। तो वहीं 28 फरवरी 1950 को गणतंत्र भारत का पहला बजट जॉन मथाई ने पेश किया था। वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने पहली बार 1948-49 के बजट में अंतरिम शब्द का इस्तेमाल किया। जिसे बाद में छोटी अवधि के बजट को अंतरिम बजट कहा जाने लगा।

4. बजट की छपाई

बजट को सबसे सुरक्षित डॉक्यूमेंट माना जाता है इसलिए इसकी छपाई वित्त मंत्रालय में होती है। सबसे पहले राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे। लेकिन बाद में बजट लीक होने के बाद मिंटो रोड प्रेस में छपे। उसके बाद 1980 में बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंट होने लगे थे। सबसे पहले बजट अंग्रेजी में बनाया जाता था, लेकिन 1955-56 से बजट हिंदी में तैयार होने लगा।

5. बजट की गोपनीयता

बजट की छपाई की प्रक्रिया शुरू होने से पहले वित्त मंत्रालय मे हलवा सेरेमिनी का आयोजन किया जाता है। इसके बाद बजट की छपाई की प्रक्रिया शुरू होती और वित्त मंत्रालय के अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते यहां तक कि अपने परिवार के भी नहीं। सभी अधिकारी इस दौरान वित्त मंत्रालय में ही ठहरते हैं। बजट की गोपनीयता को देखते हुए नॉर्थ ब्लॉक में मोबाइल जैमर लगा होता है। जिससे की किसे से कोई संपर्क नहीं किया जा सके।

6. पीएम ने पेश किया बजट

देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1958-59 में देश का आम बजट पेश किया था। उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पास प्रधानमंत्री पद के साथ-साथ वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भी थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आम बजट पेश करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इसके बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश का आम बजट पेश किया।

7. महिला वित्त मंत्री का बजट

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बेटी और भारत की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने 1970 में आम बजट पेश किया था। इंदिरा गांधी के पास उस समय देश की रधानमंत्री थीं और उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी था। भारत के इतिहास में इंदिरा गांधी इकलौती महिला हैं, जिन्होंने आम बजट पेश किया था। लेकिन अब निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री हैं।

8. सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड

भारत का सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड देश के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है। मोरारजी देसाई ने देश का बजट 10 बार पेश कर चुके हैं। उन्होंने छह बार वित्तमंत्री और चार बार उपप्रधानमंत्री के तौर पर बजट पेश किया।

9. बजट के समय में बदलाव

साल 2001 में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अंग्रेजी परंपरा को तोड़कर सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करनी की परंपरा शुरू की। अंग्रेजी परंपरा के अनुसार साल 2000 तक बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था। साल 2001 में पहली बार सुबह 11 बजे तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने भारत का बजट पेश किया था।

10. बजट की तारीख में फिर हुआ बदलाव

साल 2017 से पहले बजट फरवरी महा के आखिरी कामकाजी दिन पेश किया जाता था। लेकिन साल 2017 से इसे एक फरवरी पहले कामकाजी दिन पेश किया जाने लगा। साल 2017 के बजट से ही मोदी सरकार ने लगभग 94 साल से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर एक और प्रयोग किया।  

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