कलकत्ता हाईकोर्ट से ममता सरकार को बड़ा झटका, चुनाव के बाद हुई हिंसा पर दिए सीबीआई जांच के आदेश

इस मामले की सुनवाई कर रहे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Acting Chief Justice Rajesh Bindal) का कहना है कि अलग-अलग फैसले हैं लेकिन सभी सहमत हैं।;

Update: 2021-08-19 07:02 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI- सीबीआई) जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने एसआईटी (SIT) टीम के गठन का भी आदेश दिया है और ममता सरकार (Mamata Government) को पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए भी कहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल (Bengal) में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा के मामलों में हत्या (Murder) और महिलाओं के खिलाफ अपराध (Crime), बलात्कार (Rape) समेत मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच (CBI probe) का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अन्य सभी मामलों की जांच एसआईटी को सौंपी है।

इस मामले की सुनवाई कर रहे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Acting Chief Justice Rajesh Bindal) का कहना है कि अलग अलग निर्णय हैं लेकिन सभी सहमत हैं। बता दें कि कोर्ट के समक्ष कई जनहित याचिकाएं (public interest litigation) दायर की गई थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनाव (Election) के बाद की हिंसा में लोगों के साथ मारपीट की गई, उन्हें घर (House) से भागने के लिए मजबूर किया गया। यहां तक की उनकी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया और इन आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।

इस मामले में 3 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई थी। इस दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट (Callcutta High Court) ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Rajesh Bindal) की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया। जिसमें न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार शामिल थे।

पीठ ने पहले एनएचआरसी अध्यक्ष (NHRC Chairman) को विधानसभा चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट सौपने के बाद अब मामले में अगली सुनवायी 24 अक्टूबर 2021 को होगी। 

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