Delhi: सरकारी बंगला खाली करने के मामले में हाईकोर्ट पहुंचे राघव, कल होगी सुनवाई, जानें क्या है पूरा केस
Delhi News: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद बनने के बाद राघव चड्ढा को दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 का बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि पहली बार सांसद बने राघव चड्ढा इसके लिए अधिकृत नहीं थे।;
Delhi: आम आदमी पार्टी के नेता इन दिनों मुश्किलों में घिरे नजर आ रहे हैं। उसके एक के बाद एक तीन नेताओं पर ईडी और सीबीआई की तलवार लटक चुकी है। वहीं, राघव चड्ढा को मिला सरकारी बंगला भी छीनता नजर आ रहा है। हालांकि, इस बीच चड्ढा ने अपना सरकारी बंगला खाली करने को लेकर पटियाला हाउस के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। जहां कल यानी 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी। चड्ढा ने कोर्ट के उस अंतरिम आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।
जिसमें कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को राघव चड्ढा से बंगला खाली न करवाने का निर्देश दिया था। दरअसल, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने अपनी अर्जी में पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। ट्रायल कोर्ट ने चड्ढा से कहा था कि पंडारा रोड स्थित सरकारी टाइट 7 बंगले पर कब्जा जारी रखने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है।
सरकारी आवास पर कब्जा रखने का अधिकार नहीं
ट्रायल कोर्ट ने चड्ढा से यह भी कहा था कि चड्ढा यह दावा नहीं कह सकते कि उन्हें राज्यसभा सांसद के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी आवास पर कब्जा रखने का अधिकार है। इस दौरान चड्ढा ने दलील देते हुए कहा कि एक बार किसी सांसद को आवास आवंटित हो जाता है, तो उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी परिस्थिति में इसे रद्द नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि यह बंगला दिल्ली के लुटियंस जोन में आता है। यह बंगला उन नेताओं को दिया जाता है। जो मुख्यमंत्री या राज्यपाल के रूप में कार्य कर रहे हों। ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद आप नेता हाई कोर्ट पहुंचे हैं।
ये है बंगले से जुड़ा पूरा मामला
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद बनने के बाद राघव चड्ढा को दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 का बंगला आवंटित किया गया था, लेकिन बाद में पता चला कि पहली बार सांसद बने राघव चड्ढा इसके लिए अधिकृत नहीं थे। आपको बता दें कि नियम के तहत पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं को सरकारी फ्लैट आवंटित किया जाता है। लेकिन राघव को गलती से बंगला आवंटित हो गया था। इसके बाद राज्यसभा सचिवालय ने अपने भूल को सुधारते हुए चड्ढा को बंगला खाली कराने के लिए नोटिस दिया था। लेकिन चड्ढा बंगला खाली करने को राजी नहीं हैं। हालांकि अब देखना होगा कि कोर्ट से चड्ढा को राहत मिलती है या नहीं।
राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे चड्ढा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीच राघव चड्ढा ने राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। बता दें कि आप सांसद पर आरोप है कि उन्होंने पांच सांसदों की सहमति के बिना उनका नाम सेलेक्ट कमेटी के लिए प्रस्तावित किया था। उन्होंने इसके लिए साइन किए थे। अभी तक ये मामला संसद की विशेषाधिकार कमेटी के पास है। राघव चड्ढा लगातार अपने निलंबन को गलत बता रहे हैं। अगस्त को चड्ढा को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन कोई राहत नहीं मिली। अब चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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