Cauvery Water Dispute: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद जारी, तंजावुर में बंद का आह्वान

Cauvery Water Dispute: कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच, आज तंजावुर में बंद का आह्वान किया गया है। पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट...;

Update: 2023-10-11 04:42 GMT

Cauvery Water Dispute: कर्नाटक और तमिलनाडु में कावेरी के जल को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी बीच, आज तमिलनाडु के तंजावुर जिले में बंद का आह्वान किया गया है। तमिलनाडु को पानी देने से इनकार करने पर कर्नाटक सरकार के खिलाफ कावेरी बेसिक प्रोटेक्शन गठबंधन की ओर से नाकाबंदी की जा रही है और विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस दौरान तकरीबन 40,000 दुकानें बंद रहेंगी।

कावेरी जल विवाद जारी

तमिलनाडु विधानसभा ने सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें केंद्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह कर्नाटक को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आदेशों के अनुसार कावेरी जल छोड़ने का निर्देश दे। यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है। उन्होंने सदन में कहा कि उनकी सरकार कावेरी डेल्टा के किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए जल्द से जल्द राज्य को पानी देने का निर्देश दे।

क्या है कावेरी जल विवाद

कावेरी नदी, जो दक्षिणी भारतीय राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी से होकर बहती है, लंबे समय से अत्यधिक विवादास्पद जल विवाद के केंद्र में रही है। 16 फरवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया, जिसके बाद कर्नाटक की वार्षिक जल निकासी 192 टीएमसी (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) से घटकर 177.25 टीएमसी हो गई। इस फैसले के कारण तमिलनाडु के पानी के हिस्से में भी कमी आई।

कोर्ट के फैसले के बाद 1 जून 2018 को, भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के की निगरानी के लिए कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना की। 14 अगस्त को, तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कर्नाटक को अपने जलाशयों से तुरंत 24,000 क्यूबिक फीट प्रति सेकंड पानी छोड़ने के लिए कहा था। 

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