चंदा कोचर की कहानी, जिन्हें CBI ने पति समेत किया गिरफ्तार, ऐसे पहुंची ट्रेनी से CEO पद तक

सीबीआई ने शुक्रवार शाम को वीडियोकॉन को लोन मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर को पति दीपक कोचर के साथ गिरफ्तार किया।;

Update: 2022-12-24 03:49 GMT

सीबीआई (CBI) ने वीडियोकॉन को लोन मामले में बड़ा एक्शन लिया है। सीबीआई ने शुक्रवार शाम को आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) को पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) के साथ गिरफ्तार किया है। दंपति पर आरोप है कि जिस समय चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थी, उस समय उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया था। इसके बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था।

अक्टूबर 2018 में इस संबंध में आरोपों के बाद चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। जिसमें कहा गया कि उन्होंने बैंक की आचार संहिता और आंतरिक नीतियों का उल्लंघन किया। उन पर वीडियोकॉन समूह को 2012 में 3,250 करोड़ रुपये के लोन में अनियमितताओं के लिए सीबीआई ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।

एक व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया कि चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को इस सौदे से बहुत फायदा हुआ। आरोपों की बात करें तो उसके अनुसार, वीडियोकॉन समूह के पूर्व अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की एक कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये का निवेश किया था। जिसके कुछ महीनों बाद वीडियोकॉन समूह को बैंक से लोन दिया गया था।

इस संबंध में सीबीआई का आरोप है कि वीडियोकॉन के लोन को पास करने के लिए एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर मेंबर थीं। सीबीआई का कहना है कि चंदा कोचर ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है।

बता दें कि साल 2019 में ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर के खिलाफ इन आरोपों की जांच कर रही जस्टिस बी.एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट आई थी। जिसमें समिति ने जांच में माना कि वीडियोकोन को कर्ज देने के मामले में चंदा कोचर ने बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन किया है। 

ट्रेनी से CEO तक का सफर

साल 1984 में चंदा कोचर ने 22 साल की उम्र में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में ICICI बैंक ज्वाइन किया। कोचर ने अपनी मेहनत और योग्यता से 1993 में कॉर्पोरेट बैंकिंग में एक साल का टारगेट 3 महीने में ही पूरा कर लिया। इसके बाद साल 2009 में जब कोचर ने ICICI की कमान संभाली थी। लेकिन जिस समय चंदा ने कमान संभाली उस समय पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही थी, फिर भी ICICI बैंक को अच्छी वृद्धि हुई।

Tags:    

Similar News