सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के सहयोगी भास्कर रमन को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को मामले के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की थी।;
केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation- सीबीआई) ने मंगलवार देर रात पूछताछ के बाद चल रहे वीजा भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस भास्कर रमन (S Bhaskar Raman,) को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) कथित रूप से तलवंडी साबो पावर लिमिटेड परियोजना के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत (Bribe) के बदले चीनी श्रमिकों को वीजा की सुविधा देने में शामिल थे।
CBI has arrested S Bhaskar Raman, a close associate of Congress leader Karti P Chidambaram in an ongoing visa corruption case following questioning late last night: CBI sources
— ANI (@ANI) May 18, 2022
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को मामले के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी की थी। सीबीआई की टीम ने कार्ति के तमिलनाडु में तीन, मुंबई में तीन, पंजाब में एक, कर्नाटक में एक और ओडिशा में एक सहित नौ स्थानों पर तलाशी ली थी। सीबीआई की रेड पर कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने प्रतिक्रिया देते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया था। कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा- मैंने गिनती खो दी है, यह कितनी बार हुआ है? एक रिकॉर्ड होना चाहिए।
चीनी कामगारों के लिए अवैध वीजा
गृह मंत्रालय ने कथित तौर पर यूपीए सरकार के तहत 2011 में कार्ति चिदंबरम की रिश्वत के बदले चीनी नागरिकों के लिए अवैध वीजा उपयोग को मंजूरी दी थी। तलवंडी साबो पावर लिमिटेड मनसा पंजाब में 1,980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया में था। स्थापना को शेडोंग इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्प (सेप्को) नामक एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स किया गया था। प्रोजेक्ट तय समय से पीछे चल रहा था। इसलिए कार्रवाई दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड साइट पर अधिक चीनी पेशेवरों (professionals) को लाने की कोशिश कर रहा था। ऐसे में उन्हें गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा से अधिक वीजा की आवश्यकता थी। इसलिए, बिजली कंपनी के प्रतिनिधि मखारिया ने कार्ति चिदंबरम से उनके करीबी सहयोगियों के माध्यम से संपर्क किया।
अधिकारियों ने बताया कि मखारिया ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय को एक पत्र सौंपा जिसमें इस कंपनी को आवंटित परियोजना वीजा के दोबारा उपयोग के लिए मंजूरी मांगी गई थी। जिसे एक 30 दिन के अदंर मंजूरी दे दी गई थी और कंपनी को अनुमति जारी कर दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, भास्कर रमन के माध्यम से कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसका भुगतान मनसा स्थित तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने किया था।