Waqf Board Scam: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी का सीबीआई FIR पर बड़ा बयान, जानें क्या है पूरा मामला
Waqf Board Scam: उत्तर प्रदेश में कथित अवैध बिक्री-खरीद और वक्फ संपत्तियों के हस्तांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की हैं।;
Waqf Board Scam: उत्तर प्रदेश में कथित अवैध बिक्री-खरीद और वक्फ संपत्तियों के हस्तांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के खिलाफ सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। क्फ बोर्ड द्वारा अनियमित तरीके से काम करने के मामले में जांच शुरू हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के अलावा एफआईआर में नरेश कृष्ण सोमानी, विजय कृष्ण सोमानी, गुलाम सैयदेन रिजवी और बाकर रजा को भी आरोपी बनाया गया है। केंद्र की फटकार के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा वक्फ संपत्तियों की बिक्री-खरीद और हस्तांतरण में कथित अनियमितताओं के मामले में राज्य सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
योगी सरकार को मिली थी कई शिकायतें...
सीबीआई ने 2017 को हजरतगंज पुलिस स्टेशन और दूसरा प्रयागराज में 2016 को मामला दर्ज किया गया था। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार को वक्फ बोर्ड में संपत्तियों की बिक्री और खरीद में अनियमितताओं के बारे में कई शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई।
केंद्र ने सीबीआई को दी फटकार
मामले को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र ने बुधवार को सीबीआई को अपनी मंजूरी दे दी थी। 2016 में इमामबाड़ा गुलाम हैदर में कथित अतिक्रमण और दुकानों के अवैध निर्माण से संबंधित हैं, जबकि लखनऊ में 2009 में कानपुर के स्वरूप नगर में जमीन कब्जाने का आरोप लगा था। हाल ही में, रिजवी और दो अन्य लोगों को जोगीपुरा मंदिर के कार्यवाहक को जबरन वसूली और धमकी देने के आरोप में बिजनौर जिले में नामजद किया गया था।
जानें क्या है वक्फ बोर्ड में घोटाले का पूरा मामला
बता दें कि सला 2018 में वसीम रिजवी इराक़ के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी द्वारा जारी एक फतवे को नहीं मानने के लिए बाहर कर दिया था। जो मंदिर या धर्मस्थल के निर्माण के लिए वक्फ संपत्तियों को सौंपने के खिलाफ थे। राम मंदिर निर्माण के लिए बाबरी मस्जिद स्थल पर विवादित भूमि की पेशकश के विवाद के बाद शिया समुदाय के रिजवी ने यह काम शुरु किया। उत्तर प्रदेश सरकार को कई तरह की शिकायतें मिली थीं।