Bengal Violence: बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की सीबीआई जांच का बीजेपी ने किया स्वागत, स्मृति ईरानी का टीएमसी पर बड़ा आरोप

बंगाल में चुनाव उपरांत हिंसा के दौरान हत्या, बलात्कार और अस्वाभाविक मृत्यु सहित ज्यादा महत्व वाले अपराध की जांच सीबीआई करेगी, जबकि कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय सिट (SIT) का गठन किया गया है।;

Update: 2021-08-19 11:58 GMT

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के बाद हुई हिंसा (Violence) की जांच सीबीआई करेगी। कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की पीठ ने आज यह फैसला सुनाया है। हत्या, बलात्कार और अस्वाभाविक मृत्यु सहित ज्यादा महत्व वाले अपराध की जांच सीबीआई करेगी, जबकि कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय सिट (SIT) का गठन किया गया है। बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने इस फैसले को मानवता की जीत बताया है, वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी प्रतिक्रिया दी है।

न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे दिवंगत कार्यकर्ताओं के परिवारों को संदेश है कि उनके साथ न्याय होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने भाजपा महिला कार्यकर्ताओं के साथ दुष्कर्म किया।

शुवेंदु अधिकारी बोले- हिंसा स्थायी रूप से हो बंद

नंदीग्राम विधानसभा सीट से ममता बैनर्जी को हराने वाले बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ये मानवता की जीत है। न्यायपालिका ने चुनाव के बाद मानवाधिकार के उल्लंघन को देखते हुए जिस तरह आगे आकर संरक्षण दिया, ये लोकतंत्र की जीत है। पार्टी से ऊपर उठकर इसका स्वागत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अदालत के इस फैसले ने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की तरफ से आए सभी बयानों को नकार दिया है। इससे साबित हो गया कि राज्य सरकार अपना राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए ये(हिंसा) छुपाना चाहती है। बंगाल में राजनीतिक हिंसा स्थायी रूप से खत्म होनी चाहिए। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार ने तर्क दिया था कि चुनाव आयोग हिंसा के लिए जिम्मेदार था, क्योंकि 3 मई 2021 तक चुनाव संहिता लागू होने के कारण पुलिस उसके अधीन थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिविल या पुलिस प्रशासन चुनाव प्रक्रिया के दौरान केवल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग के नियंत्रण में है। इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अपने सामान्य कर्तव्यों का निर्वहन बंद कर देती है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि कम महत्व वाले अपराध की जांच करने के बाद सिट अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की खंडपीठ को सौंपेगा। हाईकोर्ट ने हिंसा पीड़ित लोगों को मुआवजा राशि देने का भी निर्देश दिया है।

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