राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एसएससी एनटी-10 और टैक-2 मनाएगी स्वर्ण जयंती, देश के वीरों को करेंगे याद

दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एसएससी (एनटी-10) और टैक-2 के भारतीय सेना के ऑफिसर और उनके परिजन मनायेंगे स्वर्ण जयंती। साथ ही देश के वीरों को याद करेंगे।;

Update: 2021-03-08 16:15 GMT

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली पर एसएससी (एनटी-10) और टैक-2 के भारतीय सेना के ऑफिसर और उनके परिजन 14 मार्च को स्वर्ण जयंती मनाएंगे। इस मौके पर देश के वीरों को याद करेंगे।

हर साल देश में 16 दिसंबर को भारत पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए ऐतिहासिक युद्ध की याद में विजय दिवस मनाया जाता है। लेकिन 14 मार्च 1971 का दिन भारतीय सेना में ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल, मद्रास (चेन्नई) से एसएससी (एनटी-10) और टैक-2 के 338 कमीशन ऑफिसरों और उनके परिवारों के लिए रेड लैटर डे है। जिनके 7 ऑफिसर भारत पाकिस्तान 1971 के युद्ध में देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनके नाम इस प्रकार हैं....



इनकी याद में दिल्ली के इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर 14 मार्च 2021 को सुबह 11 बजे इन वीर सैनिकों की वीरता को सम्मानित करते हुए माल्यार्पण किया जाएगा। और साथ ही दिल्ली के अलावा बंगलौर, चेन्नई, पुणे हैदराबाद, चंडीगढ़ में पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। एसएससी (एनटी)-10 और टेक-2 के जांबाज कमांडो लेफ्टिनेंट बीएस कसाना, लेफ्टिनेंट डीपी यादव,  लेफ्टिनेंट केएम मंदन्ना, लेफ्टिनेंट विक्रम बर्न अपलस्वामी, लेफ्टिनेंट विनय कौल, लेफ्टिनेंट एसएम सबरवाल और लेफ्टिनेंट जीएस नायर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर याद किया जाएगा।

भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध

हम सभी जानते हैं कि भारत पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध हुआ था। जिसमें भारत की जीत हुई लेकिन एक नए देश बांग्लादेश का उदय भी हुआ था। लेकिन इस युद्ध के दौरान भारत के कितने जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान को भी भारी नुकसान हुआ था। 25 मार्च 1971 को लेफ्टिनेंट जनरल टिक्का खान के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में विद्रोह को रोकने के लिए ऑपरेशन सर्चलाइट शुरू किया।

इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया था। भारत पर हवाई हमलों को देखते हुए तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी।  भारत और पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को युद्ध हुआ। मात्र 13 दिनों में नया देश बन गया। इस युद्ध में सभी 338 नए कमीशन ऑफिसरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया और इसमें 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया। 

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