कफ सिरप बनाने वाली कंपनी पर केंद्र का बड़ा एक्शन, दवा उत्पादन को बंद करने के दिए निर्देश
उज्बेकिस्तान में कफ सिरप के इस्तेमाल से हुई बच्चों की मौतों पर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित कफ सिरप डॉक-1 मैक्स से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत की खबरों के मद्देनजर कंपनी की सभी उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है।;
भारत की केंद्र सरकार (Central Government) उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) में कफ सिरप के इस्तेमाल से हुई बच्चों की मौतों पर सख्त नजर आ रही है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित कफ सिरप डॉक-1 मैक्स ( Cough Syrup Doc-1 Max) से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत की खबरों के मद्देनजर कंपनी की सभी उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है।
मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि उज्बेकिस्तान में डॉक-1 मैक्स से 18 बच्चों की कथित मौत से जुड़े मामले में आगे की जांच जारी है। मंडाविया ने लिखा, "कफ सिरप डॉक-1 मैक्स के जहरीले होने की खबरों के मद्देनजर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की एक टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद गुरुवार रात मैरियन बायोटेक की नोएडा इकाई में सभी उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है।"
मामले में आगे की जांच की जा रही है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की कथित मौत के दावों को लेकर कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग इस मामले में लापरवाही नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि वह खुद इस मामले पर नजर रख रहे हैं। मंडाविया ने कहा था कि दवा कंपनी की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि डॉक-1 मैक्स दवा पीने से बच्चों की मौत (Death due to cough syrup) हुई है। वही उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी ने बताया कि मैरियन बायोटेक कंपनी भारत में खांसी की दवा डॉक्टर-1 मैक्स नहीं बेचती है और इसे सिर्फ उज्बेकिस्तान में निर्यात किया गया है।
बता दें कि उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर खांसी की दवा से 18 बच्चों की मौत के बाद नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक सवालों के घेरे में है। उज्बेकिस्तान के इस दावे के बाद भारत सरकार अलर्ट हो गई है। केंद्र सरकार ने बच्चों की मौत को भारतीय खांसी की दवाई से जोड़कर उज्बेकिस्तान में हुई मौतों पर रिपोर्ट मांगी है।