26 जनवरी की परेड में बंगाल-महाराष्ट्र की नहीं दिखेगी झांकी, शिवसेना और टीएमसी हमलावर

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है। अगर यहीं काम कांग्रेस अपने कार्यकाल में करती तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती।;

Update: 2020-01-02 13:16 GMT

देश में गणतंत्र दिवस की तैयारियों के साथ ही अलग- अलग राज्यों के परेड में शामिल होने के लिए राज्यों की तरफ से रक्षा मंत्रालय के पास कुल 56 प्रपोजल भेजें गए। जिसमें पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र का भी नाम शामिल था। इसी बीच केंद्र सरकार ने पहले बंगाल के प्रपोजल को खारिज कर दिया गया और अब महाराष्ट्र की भी परेड को शामिल करने से इनकार कर दिया है।

इसे देखते हुए टीएमसी और शिवसेना नेताओं का बयान आया है। बंगाल में बीजेपी और टीएमसी के बीच लगातार घमासान की वजह से प्रपोजल रद्द करने का अनुमान लगाया जा रहा है।  वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच सियासी घमासान हुआ था। माना जा रहा है कि इसी कराण महाराष्ट्र की झांकी का प्रपोजल खारिज किया गया है।

इस मामले पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की झांकी हमेशा से देश का आकर्षण रही है। अगर यहीं काम कांग्रेस अपने कार्यकाल में करती तो महाराष्ट्र बीजेपी हमलावर हो जाती। उन्होनें कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं होने की वजह से इस बार महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकी को जगह नहीं मिली। यह महाराष्ट्र का बड़ा अपमान है। मैं महाराष्ट्र के सीएम से मामले में जांच करने की अपील करता हूं।

साथ ही टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। यह बंगाल के इतिहास में नया नहीं है, जो दिल्ली को बंगाल से डर लगता है। वे दिल्ली में बंगाल की झांकी को रद्द कर सकते हैं तो बंगाल में NRC और CAA को रद्द कर देगा।


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