Bihar Politics: चिराग के समर्थन से NDA होगा रोशन! जानिए गठबंधन पर क्या बन रहे समीकरण

Bihar Politics: लोकसभा चुनावों को लेकर पार्टियों ने रणनीतियां बनानी तेज कर दी हैं। इसी बीच बिहार की राजनीति में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है। आज लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने पार्टी की मीटिंग की अध्यक्षता की थी। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह एनडीए के साथ गठबंधन कर सकते हैं।;

Update: 2023-07-09 08:47 GMT

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) को लेकर बिहार की राजनीति में भी रणनीतियों का दौर शुरू हो गया है। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपने आवास पर आज यानि रविवार को पार्टी के पदाधिकारी के साथ मीटिंग की थी। इस बैठक में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है। इस बैठक से पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी चिराग पासवान से पटना में मुलाकात की थी।

चिराग पासवान ने बैठक बुलाई थी

आगामी वर्ष 2024 में लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर लोकजनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) की आज बैठक हुई है। यह बैठक इसलिए भी जरूरी थी कि इसमें यह तय किया जाना हैं कि बीजेपी से गठबंधन किया जाएगा या नहीं। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं ने उन्हें गठबंधन पर फैसला लेने का अधिकार दिया है। उन्होंने कहा कि अब चर्चाओं का दौर चलेगा और उन्होंने मंत्री पद पर बोलते हुए कहा कि मंत्री बनना मेरी प्राथमिकता नहीं है।

2020 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ मतभेद के बाद चिराग पासवान ने एनडीए छोड़ दिया था। हालांकि, पासवान ने सीट बंटवारे के मुद्दों का हवाला देते हुए एनडीए छोड़ दिया और आरोप लगाया कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनके पिता राम विलास पासवान (Ram Vials Paswan) का अपमान किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वह सार्वजनिक मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के प्रति समर्थन अपना समर्थन जताते रहे हैं। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि चिराग पासवान के एनडीए में वापस आने की संभावना है।

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बीजेपी को लोजपा से गठबंधन करने की जरूरत क्यों

लोकसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय है, लेकिन बिहार में सभी पार्टियां जातिगत समीकरण साधने की तैयारी कर रही हैं। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक कोइरी-कुर्मी में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है, वहीं नीतीश कुमार भी दलित वोट बैंक को नए सिरे से गढ़ने में जुट गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में तकरीबन 16 प्रतिशत दलित वोटर्स हैं और इनमें से लगभग 6 प्रतिशत लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) के पास हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव में लोजपा ने बहुत बेहतर प्रदर्शन किया था और 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसी के साथ ही बीजेपी भी यही रणनीति बना रही है कि अगर लोजपा के साथ गठबंधन हो जाएगा तो पार्टी को लोकसभा चुनाव में फायदा होगा।

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