Christmas Day 2020: आखिर क्यों 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है क्रिसमस-डे, आप भी जानें

Christmas Day 2020: बाइबल के लिखा है कि जीसस ईश्वर की संतान है, जिसने पृथ्वी पर प्यार और सद्भावना का संदेश दिया था। शांति के मसीहा ईसा के जन्म की तारीख को लेकर वैसे तो कोई माणिक स्रोत नहीं है यहां तक कि बाइबल में भी उनके जन्म का कोई जिक्र नहीं मिलता।;

Update: 2020-12-17 09:15 GMT

(Christmas Day 2020)  25 दिसंबर को भारत सहित दुनियाभर में क्रिसमस डे बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। कहा जाता है क्रिसमस-डे की तैयारी पूरी दुनिया में दिसंबर की शुरुआत से ही होने लगती है। यह त्योहार ईसाइयों के लिए बेहद खास पर्व है। इस दिन एक-दूसरे को केक काटकर, गिफ्त देकर बधाई देते है। इस पर्व को लोग 24 दिसंबर की रात से ही हैप्पी क्रिसमस और मैरी क्रिसमस की बधाइयों देने लगते हैं। अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है आखिर क्यों 25 दिसंबर को ही क्रिसमस डे मनाया जाता है आइये जानें:--

रोमन के पहले ईसाई सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय 25 दिसंबर को ये त्योहार मनाया गया

बाइबल के लिखा है कि जीसस ईश्वर की संतान है, जिसने पृथ्वी पर प्यार और सद्भावना का संदेश दिया था। शांति के मसीहा ईसा के जन्म की तारीख को लेकर वैसे तो कोई माणिक स्रोत नहीं है यहां तक कि बाइबल में भी उनके जन्म का कोई जिक्र नहीं मिलता। इतिहास पर नजर डालें तो कुछ जगह उल्लेख मिलता है कि 7 से 2 ई. पूर्व के बीच जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था। आज भी इनके जन्मतिथि से संबंधित कई सवाल मौजूद हैं। लेकिन परंपरागत रूप से रोमन के पहले ईसाई सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय इस तिथि को मान्यता मिली।

पोप सेक्स्तुस जूलियस अफ्रिकानुस ने इस तिथि को बनाया था लोकप्रिय

पहले नहीं थी कोई तिथि ईसा के जन्मदिन 25 दिसंबर होने की बात को लोकप्रिय बनाने वाले व्यक्ति थे पोप सेक्स्तुस जूलियस अफ्रिकानुस। इन्होंने 221 ई. में ईसाई क्रोनोग्राफी में इस तिथि का जिक्र किया था। इससे पहले क्रिसमस मनाने की कोई निश्चित तिथि नहीं थी। उसी समय से 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट का जन्मदिवस मनाया जाने लगा, जो क्रिसमस डे के नाम से प्रसिद्ध है। जीसस को लेकर है एक प्रचलित कथाईसाई धर्म में जीसस क्राइस्ट का जन्मदिवस को लेकर एक रोचक कथा प्रचलित है।

मरियम ने जीसस क्राइस्ट को दिया था जन्म

कहावत के मुताबिक ईश्वर ने अपने दूत गैब्रिएल को मरियम नाम की महिला के पास भेजा ताकि उनके गर्भ से जीसस का जन्म हो सके। गैब्रिएल ने मरियम को बताया कि जन्म लेने वाले बच्चे का नाम जीसस क्राइस्ट होगा और वह ऐसा राजा बनेगा जिसके साम्राज्य की कोई सीमा नहीं होगी। जिस समय मरियम की जीसस के जन्म की जानकारी मिली थी, उस समय वह अविवाहित थीं। कुछ समय बाद मरियम की शादी जोसफ नाम के युवक से हुई थी। मरियम और जोसेफ नाजरथ नामक जगह पर रहते थे, जो इजराइल के एक शहर का नाम है। जीसस का जन्म उस वक्त हुआ इस शहर पर रोमन का साम्राज्य था। 

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