लंबित केसों पर CJI रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, दिया ये सुझाव
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर देश की अदालतों में बढ़ रहे मुकदमों व उनके निपटारे को लेकर चिंता व्यक्त की है।;
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर देश की अदालतों में बढ़ रहे मुकदमों व उनके निपटारे को लेकर चिंता व्यक्त की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएम मोदी से कहा है कि देश की विभिन्न अदालतों में कई सालों से हजारों की संख्या में मुकदमे लंबित पड़े हैं जिनका निपटारा कराना बेहद जरूरी है।
ऐसे में अदालतों को ज्यादा जजों की जरूरत है। जिनकी नियुक्ति जल्द ही की जानी चाहिए। इसके साथ ही न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने लेटर में लिखा कि जजों के रिटायर होने की सीमा बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि हाईकोर्ट के जजों के रिटायर होने की आयुसीमा 62 वर्ष है। गोगोई ने इसे बढ़ाकर 65 साल करने का सुझाव दिया है। मालूम हो कि इन मामलों में बदलाव के लिए सरकार को संविधान में संशोधन करने की आवश्यकता पड़ेगी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के पास 31 न्यायाधीश हैं। एक दशक में पहली बार इस वर्ष पूरी ताकत हासिल की गई है। CJI गोगोई के अनुसार इतने बड़े पैमाने पर लंबित मामलो को हटाने के लिए शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की संख्या को जल्द से जल्द बढ़ाया जाना चाहिए। वर्तमान में शीर्ष अदालत के समक्ष कुल 58,669 मामले लंबित हैं।
वही उन्होंने कहा कि देश के उच्च न्यायालयों में कुल 43 लाख मामले लंबित हैं। इन मामलों को जल्द से जल्द निपटाना होगा इसके लिए जजों की नियुक्ति की दिशा में तेजी के साथ काम करनी होगी। उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा मामले 20 साल, 26 मामले 25 साल, करीब 600 मामले 15 साल और 4980 केस पिछले 10 सालों से लंबित चल रहे हैं। जिनका निपटारा करना बेहद जरूरी है।
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