Rahul Gandhi को मानहानि मामले में राहत नहीं, Opposition Unity कमजोर होगी या मजबूत

Modi Surname Defamation Case: मोदी सरनेम मानहानि मामले में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के दोसिद्धी के फैसले को बरकरार रखा है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि अगर राहुल गांधी जेल चले जाते हैं, तो विपक्षी एकता पर इसका क्या असर होगा। पढ़िये रिपोर्ट...;

Update: 2023-07-07 07:48 GMT

Modi Surname Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मानहानि मामले में बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उनकी 2019 की मोदी सरनेम (Modi Surname) टिप्पणी पर मानहानि मामले में उनकी याचिका पर दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट का आदेश एकदम उचित और कानूनी रूप से सही है। अब इसके बाद राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के द्वारा भी दोषसिद्धी पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो राहुल गांधी को जेल जाना पड़ेगा। अब सवाल यह है कि अगर राहुल गांधी जेल जाएंगे तो क्या विपक्षी एकता पर इसका कोई गहरा असर पड़ेगा या नहीं।

विपक्षी दलों के लिए पीएम चेहरा चुनने की दौड़ आसान होगी

कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में कांग्रेस को भारी जनादेश मिला था और पार्टी 43 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 136 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। यह पिछले तीन दशकों में राज्य में कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) केवल 65 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि जनता दल के खाते में सिर्फ 19 सीटें ही आईं। इसके बाद कांग्रेस पार्टी (Congress) आत्मविश्वास के साथ उभरी है। इस जीत का श्रेय कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को दिया था। कांग्रेस नेता दावा करते हैं कि राहुल गांधी 2024 के प्रधानमंत्री होंगे। यह बात अलग है कि स्वयं राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी विपक्षी एकता की बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि अलग विचारधारा के बावजूद सभी विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं ताकि जनता को मोदी सरकार से मुक्ति दिला सकें। हालांकि इसी बैठक के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में जिस तरह दोनों के बीच वाकयुद्ध चला, उससे बीजेपी को विपक्षी एकता बैठक पर प्रहार करने का मौका मिला। बीजेपी ने कहा कि यह विपक्षी एकता की बैठक नहीं बल्कि इनका फोटोसेशन चल रहा है।  

पीएम पद की दौड़ में कई चेहरे शामिल

विपक्षी एकता के लिए 15 से अधिक दल प्रयासरत हैं, लेकिन प्रधानमंत्री चेहरे की बात की जाए तो स्थिति असमंजस वाली नजर आती है। आम आदमी पार्टी जहां आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को पीएम का दावेदार दिखाती है, वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार और टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी पीएम पद की दौड़ में हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर राहुल गांधी को जेल जाना पड़े तो क्या कांग्रेस किसी अन्य नेता को पीएम कैंडिडेट बनाएगी या फिर विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित नाम का समर्थन करेगी। 

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प्रियंका गांधी को बतौर पीएम कैंडिडेट स्वीकारेंगे नहीं विपक्षी दल 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अगर जेल जाते हैं, तो उनकी जगह प्रियंका गांधी को कांग्रेस की तरफ से पीएम उम्मीदवार माना जा सकता है। प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कांग्रेस के महासचिव का पदभार संभाला है, लेकिन वे राजनीति में राहुल गांधी के बराबर सक्रिय नहीं रही हैं। हालांकि कर्नाटक विधानसभा  चुनाव में जीत का श्रेय प्रियंका गांधी को दिया जाता है। बावजूद इसके विपक्षी दलों की एकता में उनको राहुल गांधी के बराबर तवज्जो शायद ना दी जाए और स्वीकार भी ना जाए। 

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