भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं यह स्वतंत्रता का एक विश्वास है : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि भारत का संविधान (Constitution of India) सिर्फ एक किताब और सिर्फ धाराओं का संग्रह नहीं है। यह एक ईमानदार विचार है। भारत का संविधान स्वतंत्रता की मान्यता है। उन्होंने कहा कि जब हम कोई नए संकल्प लेकर निकलते हैं तो हमारी जानकारी हमारी जागरूकता बन जाती है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि भारत का संविधान (Constitution of India) सिर्फ एक किताब और सिर्फ धाराओं का संग्रह नहीं है। यह एक ईमानदार विचार है। भारत का संविधान स्वतंत्रता की मान्यता है। उन्होंने कहा कि जब हम कोई नए संकल्प लेकर निकलते हैं तो हमारी जानकारी हमारी जागरूकता बन जाती है।
चेतना ही हमारा मार्गदर्शन करती है, इसलिए एक राष्ट्र के रूप में, हम संविधान की शक्ति का इस हद तक उपयोग करने में सक्षम होंगे कि हम अपने संविधान को गहराई से जानेंगे। प्रधानमंत्री मोदी राम बहादुर राय (Ram Bahadur Rai) द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राम बहादुर राय की किताब (Ram Bahadur Rai of Book) 'द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया' अपने शीर्षक पर खरी उतरेगी और संविधान को और व्यापक तरीके से देश के सामने पेश करेगी।
मैं राम बहादुर राय जी और इसके प्रकाशन से जुड़े सभी लोगों को इस अभिनव प्रयास के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। हम संविधान की शक्ति का उतना ही उपयोग कर पाएंगे, जितना हम इसे गहराई से जानते हैं।
पीएम मोदी (PM MODI) ने कहा कि यहां के सामान्य जनमानस को प्रेरित करने के लिए ऋषियों ने मंत्र दिया था, चरैवेती, चरैवेती, चरैवेती... पत्रकार के लिए यह मंत्र नए विचारों की खोज करने और समाज के सामने कुछ नया लाने की लगन यही उनकी सहज साधना होती है। आजादी के अमृत पर्व में आज देश स्वतंत्रता संग्राम (Freedom Struggle) के अनकहे अध्यायों को सामने लाने का सामूहिक प्रयास कर रहा है।