भारतीय रेलवे को कोरोना वायरस ने दिया बड़ा झटका, करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान

कोराेना की वजह से हुए लॉक डाउन ने रेलवे को तगड़ा झटका दिया है। देश में रेलवे को करोड़ों या अरबों रुपए नहीं, खरबों की कमाई से हाथ धोने पड़े हैं। नुकसान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले बिलासपुर जोन में रेलवे को बीते माह, यानी अप्रैल में ही सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह कमाई केवल टिकट बिक्री से होती थी। बिलासपुर जोन महीनेभर में करीब एक करोड़ टिकट बेचता है।;

Update: 2020-05-03 02:15 GMT

कोराेना की वजह से हुए लॉक डाउन ने रेलवे को तगड़ा झटका दिया है। देश में रेलवे को करोड़ों या अरबों रुपए नहीं, खरबों की कमाई से हाथ धोने पड़े हैं। नुकसान का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अकेले बिलासपुर जोन में रेलवे को बीते माह, यानी अप्रैल में ही सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह कमाई केवल टिकट बिक्री से होती थी। बिलासपुर जोन महीनेभर में करीब एक करोड़ टिकट बेचता है।

लॉक डाउन के चलते यात्री ट्रेनों के बंद होने से टिकट खिड़की पर ताला लग गया है। इसके वजह से फिलहाल रेलवे की आमदनी शून्य हो गई है। साथ ही पार्सल बुकिंग और रेलवे टूरिज्म से होने वाली आमदनी पर भी फटका लगा है। बिलासपुर जोन के अंतर्गत तीन रेल मंडल रायपुर, नागपुर और बिलासपुर रेल मंडल आते हैं। यहां से रोजाना 100 यात्री ट्रेनें व करीब 200 माल गाड़ियों का परिचालन होता है, जो फिलहाल लॉकडाउन के कारण बंद हैं।

यात्री व मालगाड़ियों के परिचालन से होने वाले राजस्व का करीब 80 फीसदी स्टाफ व ईंधन में खर्च होता है। परिचालन पूरी तरह से बंद होने से रेलवे को कहीं से भी राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है।

पार्सल से करीब 2 करोड़ की चपत

रायपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम तन्मय मुखोपाध्याय के मुताबिक अकेले रायपुर और दुर्ग स्टेशन से पार्सल बुकिंग से महीने की 50 से 60 लाख रुपए की राजस्व की प्राप्ति रायपुर रेल मंडल को होती है। अगर पूरे रेलवे जोन की बात करें तो रायपुर, नागपुर, बिलासपुर स्टेशन व अन्य स्टेशनों को मिलाकर महीने में पार्सल बुकिंग से 2 करोड़ रुपए के आसपास की आय होती है। हालांकि रेलवे की पार्सल ट्रेनें चल रही है, लेकिन गैर जरूरी सामानों और लगेज जैसे मोटर बाइक, कपड़े, बर्तन, आटो पार्ट्स, पान, फूल, मिठाईयां व अन्य सामानों का पार्सल नहीं हो रहा है। इन्हीं सामानाें के पार्सल से ही रेलवे काे ज्यादा किराया मिलता है। इस तरह से महीने में करीब 2 करोड़ की चपत रेलवे को लग रही है।

उत्तर भारत रूट की ट्रेनों से अधिक कमाई

कमाई की बात करें तो बिलासपुर रेलवे जोन की सभी ट्रेनों में यात्री टिकट व पार्सल बुकिंग से पर्याप्त आय होती है। फिर भी लंबी दूरी की ट्रेनों खासकर उत्तर भारत रूट की गाड़ियाें में हमेशा सैंकड़ों यात्रियों की वेटिंग रहती है। लिहाजा दिल्ली, मुंबई, पटना, कोलकाता के लिए चलने वाली ट्रेनों के लिए सबसे ज्यादा बुकिंग होती है। इस तरह से बिलासपुर रेलवे जोन की करोड़ों की आमदनी में उत्तर भारत की ट्रेनों की खास योगदान है।

वर्तमान में आमदनी

बिलासपुर रेलवे जोन में हर महीने जनरल व आरक्षित पैसेंजर ट्रेन टिकट बिक्री का आंकड़ा करीब 1 करोड़ है। टिकटों की बिक्री से रेलवे को महीने की आय एक अरब के आसपास है, लेकिन लॉकडाउन के कारण वर्तमान में ट्रेन टिकट खिड़की व पार्सल बुकिंग से प्राप्त होने वाला राजस्व शून्य हो गया है।

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