कोरोना के कारण दिवालिया घोषित नहीं की जाएगी कोई भी कंपनी, IBBI चेयरमैन बोले - सक्षम कंपनियों को बचाना हमारा लक्ष्य

इंसॉल्‍वेंसी एंड बैंक्रप्‍सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) के चेयरमैन एमएस साहू ने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बड़ी-बड़ी कंपनियों की भी आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है।;

Update: 2020-07-21 18:58 GMT

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले देश की अर्थव्यवस्था पर भी भारी प्रहार कर रहे हैं। ऐसे में बड़ी-बड़ी कंपनियों की भी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। इन कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार, इस बीच किसी भी कंपनी को दिवालिया घोषित नहीं किया जाएगा।

सक्षम कंपनी को बचाना है लक्ष्य

इंसॉल्‍वेंसी एंड बैंक्रप्‍सी बोर्ड ऑफ इंडिया (IBBI) के चेयरमैन एमएस साहू ने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में बड़ी-बड़ी कंपनियों की भी आर्थिक स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। ऐसे में कोड फॉर बैंक्रप्‍सी एंड इंसॉल्‍वेंसी (IBC) यानी दिवाला कनून को कुछ समय के लिए रद्द करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा है कि इसका लक्ष्य सक्षम कंपनियों को बचाने का है।

पटरी पर आ जाएगी सक्षम कंपनियां

साहू ने कहा कि दिवाला कानून इसलिए लागू किया जाता है कि कमजोर कंपनियों का समापन किया जाए और सक्षम कंपनियों को सफल करने की तरफ बढ़ाया जाए। लेकिन कोरोना के इस दौर में हर कंपनी आर्थिक रूप से कमजोर हो गई है। ऐसे में दिवाला कानून के कारण सक्षम कंपनियां भी असफल करार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कमजोर कंपनियों को असफल घोषित करने से ज्यादा जरूरी है सक्षम कंपनियों को बचाना।

उन्होंने कहा कि दिवाला कानून के निलंबन को एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। इससे कमजोर पड़ी कंपनियों को अपना कर्ज चुकाने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे सक्षम कंपनियां फिर से पटरी पर आ जाएंगी और अर्थव्यवस्था फिर से मजबूत हो पाएगी। बता दें कि मार्च में पूर्ण लॉकडाउन के बाद दिवाला कानून को रद्द कर दिया गया। इसके लिए जून में आईबीसी (संशोधन) अध्यादेश (IBC (Amendment) Ordinance 2020) को भी पेश किया गया है। 

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