Coronavirus: मां-बाप से झूठ बोलकर कोरोना वॉरियर्स रामकृष्णा ने तय किया 1500 किमी का सफर, जानिए पूरा मामला

रामकृष्णा ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देने के लिए 1500 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक का सफर तय किया है।;

Update: 2020-04-13 04:19 GMT

भारत में प्रतिदिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को संख्या बढ़ती जा रही है। इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में कोरोना वारियर्स (योद्धा) पूरी लगन से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

कई कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में उतरे कई योद्धाओं ने मिशाल पेश की है। जिसमें तेलंगाना के निवासी 29 साल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट रामकृष्णा का नाम भी शामिल है। रामकृष्णा ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान देने के लिए 1500 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक का सफर तय किया है।

माइक्रोबायोलॉजिस्ट रामकृष्णा यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में स्थित लैबोरेटरी में पहुंचे और उन्होंने कोरोना सैंपल्स की जांच शुरू की। रामकृष्णा ने इसके लिए अपने परिजनों से भी ठूझ बोला।

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, रामकृष्णा के बारे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वा़ड्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत में लाखों ऐसे सैनिक हैं, जिन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।

कौन हैं रामकृष्णा

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, तेलंगाना के खम्मम जिले के एक गांव में रहने वाले रामकृष्णा केजीएमयू पीएचडी स्कॉलर हैं। रामकृष्णा अपने किसान परिजनों की सहायता के लिए आए थे।

उनकी डिपार्टमेंट हेड अमिता जैन ने उन्हें फोन किया किया और बताया कि कोविड-19 के सैंपल की जांच के लिए लैबोरेटरी में रामकृष्णा की आवश्यकता है। एक सैनिक की तरह रामकृष्ण ने तत्काल अपना बैग तैयार और अपने माता-पिता से झूठ बोला कि वह हैदराबाद में अपने दोस्त के यहां थीसिस पूरी करने जा रहे हैं, लेकिन वह कोरोना सैंपल्स की जांच के लिए लखनऊ पहुंच गए।

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