Cyclone Yaas: पीएम मोदी ने किया तूफान प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा, ओडिशा-झारखंड और पश्चिम बंगाल के लिए तत्काल 1 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान

पहले पीएम मोदी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हवाई सर्वेक्षण कर इलाकों का जायजा लिया और फिर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है।;

Update: 2021-05-28 13:59 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर तूफान प्रभावित राज्यों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान कर दिया है। पहले पीएम मोदी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हवाई सर्वेक्षण कर इलाकों का जायजा लिया और फिर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। साथ ही तत्काल प्रभाव से राहत पैकेज देने की घोषणा की गई है। इससे पहले पीएम मोदी ने तूफान तौकते को लेकर राहत पैकेज दिया था और गुजरात को आर्थिक पैकेज दिया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से तूफान प्रभावित इलाकों की एक रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट लेने के बाद प्रधानमंत्री की तरफ से दोनों राज्यों के लिए 500-500 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। जिसमें ओडिशा के लिए 500 करोड़ रुपए और पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए 500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।

पीएम मोदी ने भुवनेश्वर में एक समीक्षा बैठक की और इस दौरान उन्होंने बचाव कार्य संबंधित किए गए सभी प्रयासों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद रहे। इसके साथ ही पीएम मोदी ने तीनों राज्यों को आश्वासन दिया है कि हर संभव मदद दी जाएगी।

इसके अलावा एक अंतर मंत्रालय टीम का गठन किया गया है। जो तबाही का आकलन करेगा। इसके अलावा तूफान में मरने वालों के परिवारों को 2 लाख और घायल हुए लोगों को 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से दीघा और सुंदरवन के विकास के लिए 20,000 रुपए के आर्थिक मदद की मांग की थी।

जानकारी के लिए बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी को मीटिंग के दौरान कम से कम 30 मिनट का इंतजार करना पड़ा। क्योंकि राज्य की मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव बैठक में देरी से पहुंचे थे। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने राज्य में हुए नुकसान की एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी और वापस लौट गई। इसमें बंगाल सरकार ने दीघा और सुंदरबन के विकास के लिए 20,000 और 10,000 करोड़ रुपये की मांग की थी। 

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