Cash-For-Query-Row: महुआ मोइत्रा केस में दाउद की एंट्री, निशिकांत दुबे ने Mamata Banerjee को किया टारगेट

Cash-For-Query-Row: कैश-फॉर-क्वेरी विवाद में बीते दिन सीएम ममता बनर्जी महुआ मोइत्रा के बचाव में आई थीं। इसी को लेकर अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सीएम पर पलटवार किया है।;

Update: 2023-11-24 07:04 GMT

Cash-For-Query-Row: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगा है। इस मामले ने देशभर में खूब हंगामा मचाया। इतना कुछ होने के बावजूद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। लेकिन गुरुवार को ममता बनर्जी ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को लोकसभा से बाहर करने की साजिश की जा रही है। इसी बीच, ममता बनर्जी के बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है।

बीजेपी सांसद ने ममता को किया टारगेट

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कहा कि अगर दाऊद इब्राहिम भी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से चुनाव लड़ता है, तो मुझे लगता है कि 99 प्रतिशत संभावना है कि वह चुनाव जीत जाएगा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी का सिद्धांत सही है, इसका मतलब है कि दाऊद इब्राहिम गद्दार नहीं है। उन्होंने (Mahua Moitra) सिर्फ दर्शन हीरानंदानी को लॉगिन क्रेडेंशियल नहीं दिया था। इसे कई जगहों दिल्ली, बेंगलुरु, सैन फ्रांसिस्को से लॉग इन किया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक है बड़ी साजिश है। यह इंडिया गठबंधन का इतिहास है कि वे दाऊद इब्राहिम जैसे भ्रष्ट, देशद्रोही लोगों को पसंद करते हैं।

ममता बनर्जी ने तोड़ी थी चुप्पी

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी ने मोइत्रा को संसद से बाहर करने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची है। पूछताछ के लिए रिश्वत मामले और जांच का नाटक रचा गया है। चाहे कुछ भी हो, यही 2024 के चुनाव में मोइत्रा की जीत का कारण बनेगा। साथ ही, ममता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग करके विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने की भाजपा की होड़ 2024 के चुनावों के बाद नहीं होगी। वे महुआ को बाहर करने की योजना बनाते हैं। तीन महीने में वह लोकप्रिय हो जाएंगे।

लॉगिन के लिए नए नियम बनाए गए

लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने रिश्वत मामले में विवाद के बाद संसद (Digital Parliament) के इंटरनेट एक्सेस के नियमों को बदलने का प्रस्ताव दिया है। नए नियमों के मुताबिक सांसदों की ओर से उनके निजी स्टाफ या तीसरे पक्ष को संसद की वेबसाइट तक पहुंचने से रोक दिया गया है। जिस तरह से सांसद अपनी व्यक्तिगत लॉगिन आईडी का इस्तेमाल करके संसद डिजिटल इंटरनेट तक पहुंच सकते हैं, उसमें एक तकनीकी बदलाव किया जा रहा है। सांसद द्वारा संसद की वेबसाइट तक पहुंचने के लिए लॉगिन आईडी देने के बाद, रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा और कोड दर्ज करने के बाद ही उन्हें साइट तक पहुंच मिलेगी।

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