Delhi Services Act: दिल्ली सर्विस बिल को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, बन गया कानून, AAP की बढ़ी टेंशन

Delhi Services Act: दिल्ली सर्विस बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज मंजूरी दे दी है। इसके बाद इसने कानून का रूप ले लिया है। अब अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।;

Update: 2023-08-12 07:20 GMT

Delhi Services Act: दिल्ली सेवा बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। अब यह दिल्ली में कानून बन गया है। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर इसे लागू करने की जानकारी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त को संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। यह विधेयक दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से संबंधित सेवाओं के विवादास्पद अध्यादेश को बदलने के लिए लाया गया था। विधेयक में यह बताया गया कि राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के सस्पेंशन और उनसे पूछताछ से संबंधी कुछ भी कार्य अब केंद्र सरकार के हाथ में होंगे। 

 राज्यसभा में भी पास हुआ था विधेयक

अरविंद केजरीवाल सरकार और विपक्षी एकता को झटका देते हुए, राज्यसभा ने पहले नियुक्तियों और तबादलों सहित दिल्ली सरकार के अधिकारियों से संबंधित विधेयक पारित किया था, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में मामलों पर केंद्र को अधिक शक्ति मिल गई। राज्यसभा में वोटों का बंटवारां देखने को मिला था, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन को 131 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि 102 सांसदों ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया, जो दिल्ली, अंडमान और निकोबार के नौकरशाहों के खिलाफ ट्रांसफर और कार्यवाही के लिए एक प्राधिकरण बनाने का प्रावधान करता है।

विपक्षी गठबंधन को झटका

संसद में विधेयक के पारित होने को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और शरद पवार की राकांपा सहित 26 विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन की पहली हार के रूप में देखा जा सकता है। विपक्ष इस विधेयक को राज्यसभा में हराने की उम्मीद कर रहा था, जहां भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के पास बहुमत नहीं है, लेकिन वाईएससीआरपी और बीजू जनता दल (बीजेडी) जैसे दल सत्तारूढ़ गठबंधन के बचाव में आए। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस बिल को अलोकतांत्रिक करार दिया था।  

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