प्रयागराज धर्म संसद में उठी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी को रिहा करने की मांग, ये प्रस्ताव भी हुआ पारित

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी को एक महीने के भीतर रिहा कर दिया जाना चाहिए।;

Update: 2022-01-30 10:33 GMT

प्रयागराज (Prayagraj) में ब्रह्मा ऋषि आश्रम ट्रस्ट की तरफ से आयोजित धर्म संसद में हरिद्वार हेट स्पीच केस (Haridwar hate speech case) में गिरफ्तार किए गए स्वामी यति नरसिंहानंद (Swami Yati Narasimhanand) और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Jitendra Narayan Singh Tyagi) को रिहा करने की मांग उठाई गई है। बता दें कि बीते दिनों स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को हरिद्वार में इसी तरह की एक सभा में भड़काऊ बयान देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यति नरसिंहानंद और वसीम रिजवी को एक महीने के भीतर रिहा कर दिया जाना चाहिए। शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि एक महीने में ऐसा नहीं किया गया तो 'हिंसक आंदोलन' का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

बता दें कि प्रयागराज में धर्म संसद में संतों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने को लेकर प्रस्ताव पास किया है। जानकारी के अनुसार, प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी लोग अब हिंदू राष्ट्र भारत लिखेंगे। संतों ने इस दौरान मुसलमानों के अल्पसंख्यक दर्जे को भी समाप्त करने की मांग की है। इसके अलावा संतों ने हिंदू मंदिरों, मठों के अधिग्रहण खत्म करने समेत कई प्रस्ताव पास किए हैं।

धर्म संसद में धर्मांतरण करवाने पर फांसी की सजा का प्रावधान करने की मांग की गई। संतों का कहना है कि सरकार अंत में जनता और संतों के दबाव में झुकेगी। क्योंकि, संत सम्मेलन का मकसद भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना और इस्लामिक जिहाद को दूर करना है। बता दें कि संतों ने भड़काऊ भाषण देने के लिए जेल में बंद स्वामी नरसिम्हानंद गिरि और जितेंद्र त्यागी को रिहा करने की मांग की है। संतों का कहना है कि दोनों धर्मगुरुओं को बिना किसी शर्त के रिहा किया जाना चाहिए। 

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