Maharashtra Govt Formation : महाराष्ट्र के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस, कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए भाजपा कार्यालय पहुंचे
महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।;
महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। देवेंद्र फडणवीस ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। जबकि अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है। भारतीय जनता पार्टी और एनसीपी ने राज्य में मिलकर सरकार बनाई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को शपथ दिलाई है। मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन आज सुबह तड़के 5:47 बजे हटा दिया गया है। इसके बाद सुबह 8:15 बजे फडणवीस और पवार ने शपथ ले ली। महाराष्ट्र के दोबार देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर जश्न मना रहे हैं।
देवेंद्र फडणवीस बीजेपी दफ्तर पहुंचे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस बीजेपी दफ्तर पहुंचे हैं। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया है। कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए शाम करीब 4.30 बजे भाजपा कार्यालय पहुंचे। जहां एक दूसरे को लड्डू खिलाकर भाजपा सरकार बनने की बधाई दी है।
बागी विधायकों को दिल्ली भेजा गया
भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने वाले 9 एनसीपी विधायक दिल्ली आ रहे हैं। चार्टर्ड प्लेन से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भेजा गया है। भाजपा ने राज्यपाल को दिए समर्थन पत्र में एनसीपी के सभी 54 विधायकों के समर्थन की बात कही है। 14 निर्दलीय और 105 भाजपा विधायक मिलाकर सरकार को 173 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
शिवसेना ने 30 साल की दोस्ती स्वार्थ के लिए तोड़ी
रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना का जनादेश मिला था। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस का अगुवाई में पार्टी ने जीत हासिल की। लेकिन शिवसेना ने स्वार्थ में 30 साल की दोस्ती को तोड़ दिया। कहा जा रहा है कि लोकतंत्र की हत्या की हो गई है। जब शिवसेना स्वार्थ भाव से प्रेरित होकर अपनी 30 साल की दोस्ती तोड़कर अपने घोर विरोधियों का दामन थाम ले तो ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है क्या?
राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। NCP और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए। आज सुबह भाजपा और अजीत पवार जी के साथ NCP के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है। क्या शिवसेना और NCP का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था?
सूत्रों से मिली जानकारी के मताबिक कांग्रेस अपने विधायकों को भोपाल लेकर जाएगी। ताकि भाजपा उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश न कर सके।
क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है
जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि मैंने पहले कहा था कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है, अब आप समझ सकते हैं कि मेरा क्या मतलब था।
शुक्रवार को राज्यपाल से मिले थे फडणवीस
सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार रात 8 बजे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने कल ही समर्थन पत्र दे दिया था।
महाराष्ट्र में शिवसेना की संस्कृति बिहार में राजद के समान है
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना की संस्कृति बिहार में राजद के समान है। जैसे आरजेडी में बदमाश और गुंडे हैं, शिवसेना में भी वैसा ही है। कोई भी सरकार शिवसेना जैसी पार्टी के साथ लंबे समय तक नहीं चल सकती, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लोग यह जानते थे।
Bihar Deputy Chief Minister Sushil Modi: Shiv Sena's culture in Maharashtra is same as RJD's in Bihar. Like there are ruffians & goons in RJD, it is the same in Shiv Sena. No government can run for long with a party like Shiv Sena, people in Nationalist Congress Party knew this. pic.twitter.com/R0plMjqXKe
— ANI (@ANI) November 23, 2019
अकेले अजित पवार भाजपा के साथ
कांग्रेस नेता दिग्जिवय सिंह ने कहा कि यह संविधान का मजाक बना रहा है, भाजपा ने गोवा, मेघालय और अन्य राज्यों में भी ऐसा ही किया। राकांपा का कोई भी विधायक इसका समर्थन नहीं करेगा, अजित पवार अकेले उनके साथ गए हैं।
Digvijaya Singh,Congress: This is making a mockery of the constitution, BJP did the same in Goa,Meghalaya and other states. No MLA of the NCP will support this, Ajit Pawar has gone with them alone pic.twitter.com/W77zVoSStE
— ANI (@ANI) November 23, 2019
सोनिया जी कांग्रेस वर्किंग कमेटी भंग करें
कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि लोग सोच रहे होंगे कि मैं आज के घटनाक्रम से खुश होऊंगा, लेकिन मैं वास्तव में बहुत दुखी हूं। इसमें कांग्रेस को अनावश्यक रूप से बदनाम किया गया और शिवसेना के साथ गठबंधन की सोच एक गलती थी। मैं सोनिया जी से अपील करता हूं कि वे पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी को भंग करें।
Sanjay Nirupam: People would be thinking I will be happy by today's developments,but I am actually very sad. Congress has been unnecessarily defamed in this and thinking of alliance with Shiv Sena was a mistake. I appeal to Sonia ji to at first dissolve Congress Working Committee pic.twitter.com/dvg9sEBCDB
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शरद पवार ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई
एनसीपी चीफ शरद पवार ने पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज शाम 4.30 बजे होगी है।
शपथ के लिए विधायकों के हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता नवाब मलिक ने कहा कि हमने उपस्थिति के लिए विधायकों से हस्ताक्षर लिए थे, शपथ के लिए इसका दुरुपयोग किया गया। ये धोखे से बनाई गई सरकार है और ये विधानसभा के फ्लोर टेस्ट पे हारेगी, सारे विधायक हमारे साथ हैं।
Nawab Malik,NCP:Ye dhoke se banayi gayi sarkar hai aur ye vidhan sabha ke floor pe haaregi, saare vidhayak hamare saath hain. #Maharashtra pic.twitter.com/TISmQENzTo
— ANI (@ANI) November 23, 2019
Nawab Malik, Nationalist Congress Party (NCP): We had taken signatures from MLAs for attendance, it was misused as a basis for the oath. #Maharashtra pic.twitter.com/vZo05p1vri
— ANI (@ANI) November 23, 2019
परिवार और एनसीपी पार्टी बंट गई है
एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि परिवार और एनसीपी पार्टी बंट गई है। इससे पहले शरद पवार भी कह चुके हैं कि एनसीपी पार्टी टूट गई है। बता दें कि रामदास अठावले ने कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले केंद्र में मंत्री बन सकती हैं।
स्थाई सरकार के लिए लिया फैसला
अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेकर कहा कि शरद पवार को सबकुछ बता दिया था। मैंने यह फैसला स्थाई सरकार देने के लिए लिया है। मैंने एनसीपी चीफ शरद पवार को पहले ही सबकुछ बता दिया था। 3 दल मिलकर स्थिर सरकार नहीं बन सकते हैं। महीने से चर्चा चली, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
दलबदल विरोधी कानून कब लागू होगा?
सूत्रों के मुताबिक अजित पवार एनसीपी के विधायक दल के नेता हैं। इसीलिए उन्होंने विधायक दल के नेता के रूप में समर्थन दिया है। जिसका मतलब है कि अजित पवार के समर्थन को एनसीपी का समर्थन माना जाए। यदि अब विश्वास मत के दौरान जो एनसीपी के विधायक सरकार का समर्थन नहीं करता है तो दलबदल विरोधी कानून (Anti Defection Law) उस विधायक पर लागू होगा।
कांग्रेस ने बुलाई बैठक
कांग्रेस ने मुंबई में पार्टी कार्यालय में तत्काल बैठक बुलाई गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल मौजूद रहने को कहा है।
भाजपा को 170 विधायकों का समर्थन हासिल
भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कहा कि हम 170 से अधिक विधायकों के समर्थन के साथ अपना बहुमत साबित करेंगे। अजित पवार ने अपने विधायकों के समर्थन के बारे में राज्यपाल को एक पत्र दिया है। चूंकि वह राकांपा के विधायक दल के नेता हैं, जिसका मतलब है कि सभी राकांपा विधायकों ने हमारा समर्थन किया है।
Girish Mahajan,BJP: We will prove our majority with support of over 170 MLAs. Ajit Pawar has given a letter to Governor about support of his MLAs and as he is legislative party leader of NCP, which means all NCP MLAs have supported us
— ANI (@ANI) November 23, 2019
#Maharashtra pic.twitter.com/shVRc0HmWy
एनसीपी का कोई भी फैसला शरद पवार की सहमति के बिना नहीं लिया जाता
सूत्र से मिली जानकारी के मुताबकि राकांपा प्रमुख शरद पवार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार के गठन के लिए चर्चा का हिस्सा थे, उन्होंने अजित पवार को अपनी सहमति दी थी। अजित पवार एनसीपी के संसदीय बोर्ड के नेता हैं और एनसीपी का कोई भी फैसला शरद पवार की सहमति के बिना नहीं लिया जाता है।
Sources: Ajit Pawar is the leader of Parliamentary board of NCP and no decision of NCP is taken without Sharad Pawar's assent https://t.co/gks7WGb5MQ
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शिवसेना ने जनादेश को धोखा दिया
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन को वोट दिया था। हमें 161 विधायक मिले, लेकिन शिवसेना ने जनादेश को धोखा दिया। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से उन्होंने विकल्प के बारे में बात करना शुरू कर दिया था। 2.5-2.5 साल के फॉर्मूले की बात होने लगी थी। चंद्रकांत ने कहा कि अब संजय राउत को कम से कम चुप रहना चाहिए। उन्होंने शिवसेना को बर्बाद कर दिया है।
अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया
महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है। अजित पवार शुक्रवार शाम तक बैठक में मौजूद थे फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि भाजपा के साथ चले गए। संजय राउत ने कहा कि अजित पवार और उनके साथ गए विधायकों ने महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज को बदनाम किया है। अजित पवार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया है। उनके मन में पाप छिपा था जिसकी वजह से वह कल हमसे नजरे नहीं मिला रहे थे।
अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि भाजपा को समर्थन देना का फैसला एनसीपी का नहीं है। भाजपा को समर्थन देना का फैसला एनसीपी का नहीं है, अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी। वहीं प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार का महाराष्ट्र में गठित सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
महाराष्ट्र सरकार गठन से शरद पवार नाखुश
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र में गठित हुई नई सरकार से नाखुश हैं। इससे पहले सुबह बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को 'खिचड़ी' नहीं, स्थिर सरकार की जरूरत
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी, अमित शाह और जगत प्रकाश नड्डा का आभार व्यक्त किया कि उन्हेंने एक बार फिर महाराष्ट्र की सेना करने का मौका दिया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 'महाराष्ट्र को 'खिचड़ी' नहीं एक स्थिर सरकार की जरूरत है।
जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था लेकिन शिवसेना ने हमारा साथ छोड़कर किसी और जगह गठबंधन करना शुरू कर दिया। जिसके चलते महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लग गया था। महाराष्ट्र जैसे राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहे यह शोभा नहीं देता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं एनसीपी नेता अजित पवार को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने हमारा साथ दिया है। उन्होंने हमें बताया है कि उनके साथ कई अन्य लोग भी आएं हैं। हमारा दावा राज्यपाल का पेश किया।
राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से से अनुशंस की कि वह राष्ट्रपति शासन वापस लें। इसके बाद राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्यौता दिया। महाराष्ट्र में स्थिर और स्थाई सरकार दे पाएंगे।
किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए हमने भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया
वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के बाद कहा कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए हमने भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनसीपी के 22 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया है। बताया जा रहा है कि कुछ विधायक शिवसेना के भी भाजपा के समर्थन में हैं।
पीएम मोदी और अमित शाह ने दी बधाई
पीएम मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे। वहीं पीएम मोदी के बाद अमित शाह ने भी देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है।
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2019
महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में किया जाएगा
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में नई सरकार गठन को लेकर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई लंबी बैठक के बाद कहा था कि महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में किया जाएगा। तीनों दलों ने उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति जताई थी।
आज होनी थी तीनों दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस
बैठक के बाद शरद पवार ने पत्रकारों से बताया कि इस बात पर सहमति है कि सरकार का नेतृत्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास होगा। उन्होंने बताया था कि मध्य मुंबई के नेहरू केंद्र में हुई बैठक में सरकार के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए व्यापक चर्चा हुई। इसके अलावा उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शनिवार को तीनों दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।
12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे। परिणाम 24 अक्टूबर को आए थे। महाराष्ट्र में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।
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