DUSU Results: सिर्फ इस एक पद पर NSUI को मिली जीत, जानें कौन हैं आशीष लांबा
DUSU Results: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2019 (DUSU-2019) के परिणाम आ चुके हैं। इस बार चुनाव में एबीवीपी ने तीन पदों और एनएसयूआई ने एक पद पर बाजी मार ली है।;
छात्र संघ चुनाव से ही कई लोगों ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की है। ऐसे में सवाल है कि दिल्ली छात्र संघ चुनाव में भाजपा-आरएसएस के यूथ विंग एबीवीपी को मिली कामयाबी को क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव पर असर के तौर पर देखा जा सकता है। लेकिन उससे पहले हम बाको उस एक पद के बारे में बताने जा रहे हैं जो एनएसयूआई ने जीता है।
एनएसयूआई की एक पद पर जीत
कांग्रेस पार्टी के छात्र विंग एनएसयूआई से सचिव पद पर आशीष लांबा ने बाजी मारी है। आशीष लांबा दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र हैं। बाकी तीन पर एनएसयूआई नहीं जीत सकी। एनएसयूआई ने आशीष लांबा को जीत पर ट्वीट कर बधाई दी है। ट्वीट कर लिखा कि आप जिस यात्रा के साथ शुरू करना चाहते हैं उसकी हम कामना करते हैं। सामाजिक परिवर्तन के लिए लड़ने और बढ़ावा देने के लिए सभी उम्मीदवारों को बधाई।
Many Congratulations to NSUI's Ashish Lamba on winning the post of Secretary of Delhi University Students' Union. Wish you all success in the journey you are to embark on. Thanks to all the NSUI candidates for contesting and promoting social change. pic.twitter.com/1UHdIEvrv6
— NSUI (@nsui) September 13, 2019
एबीवीपी-एनएसयूआई
एबीवीपी ने डूसू चुनाव 2019 में चार में से तीन सीटें जीती हैं। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद शामिल है। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए अक्षित दहिया, उपाध्यक्ष पद के लिए प्रदीप तंवर, महासचिव पद के लिए योगीत राठी और संयुक्त सचिव पद के लिए शिवांगी खेरवाल को खड़ा किया था तो वहीं एनएसयूआई ने चेतना त्यागी को अध्यक्ष पद के लिए उतारा था।
इतने फीसदी हुआ था मतदान
आज सुबह शुरुआती रुझानों में एबीवीपी सभी 4 सीटों पर आगे चल रही थी। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए हुए मतदान में 39.90 प्रतिशत छात्रों ने वोट डाले। पिछले साल तीन पदों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और एक पर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने जीत दर्ज की थी।
पिछले साल से कम रहा मतदान
यह मतदान पिछले साल के मुकाबले करीब चार प्रतिशत कम रहे हैं। 2018 के 44.46 प्रतिशत के आंकड़े से कम था। वहीं 2017 में कुल मतदान प्रतिशत 42.5 प्रतिशत था।
यहां हुई वोटिंग
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में लगाए गए 52 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ। जिसकी वोटिंग किग्सवे कैंप में बने दिल्ली पुलिस के हॉल में दो घंटे की देरी से शुरू हुई थी। विरोधी दलों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में खराबी के आरोप लगाए थे।
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